13 नवंबर को वोट डाले जाएंगे, नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे
आज चुनाव आयोग ने 14 राज्यों की 48 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों की भी घोषणा की है। मालूम हो कि इन 14 राज्यों में असम की पांच विधानसभा सीटों में धोलाई (एससी), सिदली (एसटी), बोंगाईगांव, बिहाली और सामगुरी क्षेत्र का नाम शामिल है। भारत के चुनाव आयोग ने आज, 15 अक्टूबर को असम में पांच विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनावों की घोषणा की।
18 अक्टूबर को अधिसूचना जारी की जाएगी और नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 25 अक्टूबर है। नामांकन पत्रों की जांच 28 अक्टूबर को होगी और उम्मीदवार 30 अक्टूबर तक अपना नामांकन वापस ले सकते हैं। इस साल की शुरुआत में हुए आम चुनावों में मौजूदा विधायकों के लोकसभा में चुने जाने के कारण उपचुनाव जरूरी हो गए थे। आपको बता दें कि 13 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
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ये पांच विधानसभा सीटें इस साल की शुरुआत में लोकसभा चुनावों के बाद खाली हो गई थीं, जहां कई विधायकों ने अपना ध्यान संसदीय पदों पर केंद्रित कर लिया था। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो विधायक, जिनमें एक कैबिनेट मंत्री भी शामिल हैं और गठबंधन सहयोगी असम गण परिषद (एजीपी) और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) के एक-एक विधायक, साथ ही विपक्षी कांग्रेस के एक विधायक ने लोकसभा चुनावों में जीत हासिल की।
धोलाई (एससी) सीट पर भाजपा विधायक, जो राज्य के कैबिनेट मंत्री भी थे, परिमल शुक्लबैद्य संसद बन गए इसलिए सीट रिक्त हो गई है। सिदली (एसटी) यूपीपीएल विधायक जयंत बसुमतारी का कोकराझाड़ सीट से सांसद बनने से सीट खाली हुई थी। बरपेटा लोकसभा क्षेत्र से वर्तमान लोकसभा सांसद फणी भूषण चौधरी बोंगाईगांव में 1985 से लगातार आठ बार से यहां से चुनाव जीत रहे थे. चौधरी के सांसद चुने जाने के बाद यह सीट खाली हुई। बिहाली से रंजीत दत्ता के सांसद बनने के बाद सीट खाली हुई हैं। सामगुरी से कांग्रेस के रकीबुल हुसैन का धुबरी से सांसद बनने से सीट खाली हुई है।
निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को घोषणा की कि पांच विधानसभा क्षेत्रों के लिए उपचुनाव 13 नवंबर को होंगे और मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी. आयोग के आंकड़ों के अनुसार, उपचुनाव के दौरान पांचों निर्वाचन क्षेत्रों में कुल 9,10,126 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. बोंगाईगांव में 1,82,354 मतदाता, समागुरी में 1,80,386 मतदाता, धोलाई में 1,97,642 मतदाता, बेहाली में 1,32,579 मतदाता और सिदली निर्वाचन क्षेत्र में 2,17,165 मतदाता हैं.
उपचुनाव नजदीक आते ही सभी प्रमुख राजनीतिक दल इन निर्वाचन क्षेत्रों में अपनी स्थिति सुरक्षित करने के लिए जोरदार अभियान चलाने के लिए कमर कस रहे हैं। इन चुनावों के नतीजे न केवल रिक्त सीटों को भरेंगे बल्कि असम में भविष्य की चुनावी चुनौतियों से पहले मतदाताओं की भावनाओं का एक महत्वपूर्ण संकेतक भी बनेंगे। असम में 2024 के उपचुनाव की गहमागहमी राजनीतिक गलियारों में चर्चा का मुख्य केंद्र बनी हुई है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस, असम गण परिषद (अगप), और अन्य क्षेत्रीय दलों के बीच मुकाबला दिलचस्प हो गया है। इन चुनावों के नतीजे राज्य की राजनीतिक दिशा को काफी हद तक प्रभावित कर सकते हैं। कई मुख्य मुद्दे है। नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (का): सीएए असम की राजनीति में एक बड़ा मुद्दा रहा है। राज्य में इसके खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। सीएए का समर्थन करने वाली बीजेपी के सामने चुनौती है कि वह मतदाताओं को कैसे अपने पक्ष में रखे।
असम हर साल बाढ़ से प्रभावित होता है, जिससे लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। बाढ़ प्रबंधन और विकास योजनाओं की कमी पर मतदाताओं के बीच नाराजगी है। स्वास्थ्य और शिक्षा: कोविड-19 महामारी के बाद से स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और शिक्षा में सुधार की आवश्यकता को लेकर असम में लगातार बहस हो रही है। सरकार द्वारा इस क्षेत्र में उठाए गए कदमों की भी उपचुनाव में समीक्षा होगी। बेरोजगारी भी असम के युवाओं के लिए एक गंभीर मुद्दा है।