- यह 138 साल पुराना ब्रिटिशकालीन स्टेशन है, जिसे असम में चाय की खेती को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को पुनर्विकसित हयबरगांव रेलवे स्टेशन का डिजिटल माध्यम से उद्घाटन किया। यह 138 साल पुराना ब्रिटिशकालीन स्टेशन है, जिसे असम में चाय की खेती को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया था। हयबरगांव स्टेशन का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा 26,000 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करने के एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम का हिस्सा था, जो भारत के तेजी से बढ़ते बुनियादी ढांचे के विकास को दर्शाता है।
नगांव जिले के इस छोटे रेलवे स्टेशन को नया रूप दिया गया है और यह देश भर के उन 103 अमृत भारत स्टेशन का हिस्सा है जिनका प्रधानमंत्री मोदी ने डिजिटल माध्यम से उद्घाटन किया। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के एक अधिकारी ने बताया कि स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम में असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री पबित्र मार्गेरिटा और असम के राजस्व मंत्री केशव महंत उपस्थित थे।
इस अवसर पर आचार्य ने कहा कि देशभर में 103 अमृत भारत स्टेशन का उद्घाटन नए भारत के निर्माण की दिशा में एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि हयबरगांव में पुनर्विकसित यह स्टेशन न केवल भौगोलिक दूरियों को कम करेगा, बल्कि आम लोगों की आकांक्षाओं को भी पूरा करेगा और मेरे असम के पर्यटन, संपर्क और क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा देगा।’’
आचार्य ने इस दूरदर्शी, सशक्त एवं जन कल्याणकारी योजना के लिए प्रधानमंत्री मोदी एवं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के प्रति आभार व्यक्त किया। मध्य असम के नगांव जिले में स्थित हयबरगांव पूरे क्षेत्र में ऐतिहासिक महत्व रखता है। चाय की खेती और आधुनिक शिक्षा में नगांव की प्रमुखता के कारण यह ब्रिटिश शासन के दौरान एक समय एक महत्वपूर्ण केंद्र था। कभी बहुत छोटा और साधारण माना जाने वाला हयबरगांव अब एक भव्य प्रवेश द्वार, विशाल सभा क्षेत्र, व्यवस्थित पार्किंग, आधुनिक प्रतीक्षालय, मॉड्यूलर और सुलभ शौचालय, रैम्प और लोगों के अनुकूल टिकट काउंटर की सुविधा से युक्त है।
उद्घाटन समारोह देखने आए बुजुर्ग आगंतुकों ने कोयला-चालित भाप इंजन और पुराने दिनों को याद किया। उन्होंने यात्री को मिलने वाली सुविधाओं समेत व्यापक सुधारों पर आश्चर्य व्यक्त किया। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि पुनर्विकसित हयबरगांव स्टेशन ने इतिहास के एक भाग को बहाल किया है। यहां अब बेहतर यात्री सुविधाएं मिलेंगी। एनएफआर ने एक बयान में कहा कि यह उद्घाटन अमृत भारत स्टेशन योजना (एबीएसएस) के राष्ट्रीय कार्यान्वयन में मील का पत्थर साबित होगा, क्योंकि हयबरगांव असम का पहला रेलवे स्टेशन है जिसका उद्घाटन इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत राज्य में सबसे पहले किया गया।