असम सरकार ने की कैबिनेट बैठक, लिए महत्वपूर्ण निर्णय
असम सरकार ने गुरुवार को उमरंगसो कोयला खदान हादसे की जांच ज्यूडिशियल और स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम से करवाने की घोषणा की है। सरकार सभी पीड़ितों के परिवारों को 10-10 लाख रुपए के मुआवजा देगी। साथ ही सभी 220 ऐसी ही खदानों को बंद करने का भी फैसला लिया गया है।
बचाव एजेंसियों का कहना है कि पानी निकालने का काम पूरा होने में लगभग 30 से 60 दिन लगेंगे। अभी NDRF की टीम 15 पंपों के जरिए 7.9 लाख लीटर प्रति घंटे की दर से पानी निकाल रही है। असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंता विश्व शर्मा का कहना है कि 48 घंटों तक पानी निकालने के बाद भी पानी का लेवल केवल 1 फुट से कम कम हुआ है। ऐसा लगता है कि खदान कहीं न कहीं कोपिली नदी से जुड़ी हुई है।
6 जनवरी को दीमा हसाओ जिले में उमरंगसो, 3 किलो में कोयला खदान में पानी भर गया था। जिसमें 9 मजदूर फंस गए थे। अब तक 4 मजदूर के शव निकाले जा चुके हैं। जबकि 5 मजदूरों का कोई पता नहीं चल सका है। न्यायिक समिति 3 महीने में सरकार को जांच रिपोर्ट देगी। डॉ. हिमंत विश्व शर्मा कैबिनेट ने खदान हादसे की न्यायिक जांच को भी मंजूरी दे दी है। इसके लिए जांच समिति बनाई जाएगी। जिसे रिटायर्ड जस्टिस अनिमा हजारिका लीड करेंगी।
यह कमेटी तीन महीने के अंदर सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी। यही टीम एसआईटी के काम की निगरानी भी करेगी। कैबिनेट में इस बात पर चर्चा की गई कि एक ही क्षेत्र में खदानों के खुलने का समय निर्धारित करने के लिए सैटेलाइट मैपिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। लापता खनिकों में चार असम के और एक पश्चिम बंगाल का है, जिसमें असम के दर्रांग के हुसैन अली, जाकिर हुसैन, मुस्तफा शेख, कोकराझार के सर्पा बर्मन और पश्चिम बंगाल, जलपाई गुड़ी के संजीत सरकार का नाम शामिल है। एजेंसी
योगेश दुबे