ओरिजिनल बनाम डुप्लीकेट चाय बागानी
असम चाय जनगोष्ठी जातीय महासभा ने उनलोगों को कड़ी चेतावनी दी है, जो चाय बागान के नहीं है, लेकिन चाय जनजाति / जनगोष्ठी बताकर सरकारी आरक्षण और विभिन्न सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। महासभा ने ऐसे लोगों के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराते हुए भविष्य में तीव्र आंदोलन करने की बात कही है। महासभा के विश्व बाग्ती ने उपरोक्त बाते कही।
सिलचर में संगठन विस्तार के लिए आयोजित बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जो चाय जनजाति / जनगोष्ठी के लोग है, उन्हें ब्रिटिश ने चाय बागानों में काम करने के लिए लाया था। इसका पूरा तथ्य उनके पास उपलब्ध है। एक पूरा दस्तावेज उनके पास है। किस राज्य के इन जिलों से लोग आए थे उसका दस्तावेज है। अभी ऐसे लोग देखे जा रहे, जो मूलतः चाय बागान के जनजाति / चाय जनगोष्ठी के नहीं है। वे लोग स्वयं को चाय जनजाति बताकर सरकारी मलाई चख रहे है। चाय जनजति / जनगोष्ठी के कोटे एवं सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं।
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वहीं चाय बागान के मूल निवासियों को विभिन्न अधिकारों से वंचित होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि चाय बागान के जनजाति और जनगोष्ठी के लिए सरकार द्वारा दिए गए कोटे का लाभ बाहरी लोग भविष्य में न उठा सके इसके लिए उनका संगठन जमीनी स्टार पर काम करेगा, कर रहा। संगठन विस्तार के अलावा जातीय प्रमाण पत्र मामले में काम करेंगे। महासभा के अंतर्गत जो जाति है उसका एक व्यवस्था किया गया है। कौन जाति चाय बागान का है। किन लोगों को जातीय प्रमाण पत्र मिलना चाहिए वह अपने स्तर पहचान करेंगे। महासभा के माध्यम से सुनिश्चित करने का काम करेंगे।
अभी भी चाय बागानों में पूर्व चाय जनजाति, जनगोष्ठी के लोग निवास कर रहे हैं, असम में जबसे आए तबसे वह रह रहे हैं। वे जहां, जिस भूमि पर रह रहे, कुछ सुविधावादी लोग उनकी जमीन हड़पना चाहते हैं। सरकार से अनुरोध करते है कि चाय बागानों में भूमि पट्टा देने का काम को किया जाए। कुछ लोग ओरिजिनल चाय बागानी नहीं है पर जिस प्रकार कोटे और सरकारी सुविधाओं का लाभ उठा रहे यह चिंता का विषय बताया।
मालूम हो कि आज यहां सिलचर में आयोजित एक बैठक में महासभा के कछार इकाई का गठन किया गया। मुख्य संयोजक, बराक घाटी संतु री के नेतृत्व में समिति का गठन संपन्न हुआ। महासभा के केंद्रीय समिति से सात सदस्यीय दल आया हुआ है । बराक घटी में सांगठनिक विस्तार करने में जुटा है। 19 अक्टूबर को करीमगंज और 20 अक्टूबर को हैलाकांदी जिला इकाई का गठन किया जाएगा। केंद्रीय समिति से विश्व बाग्ती, दिनेश तंगला और वीरेन तांती आए हुए है। असम चाय जनगोष्ठी जातीय महासभा, कछार इकाई में प्रदीप तांती को अध्यक्ष और जितेंद्र बावरी को महासचिव बनाया गया है। मुख्य सांगठनिक सचिव पद के लिए किशोर रविदास को चुना गया। संगठन जिले में चाय बागानों में चाय समुदाय को संगठित करने और उनके अधिकारों एवं सर्वांगीण विकास के लिए काम करेगा।
समाचार संकलन व संपादित Yogesh Dubey