Monday, April 21, 2025

असम विश्वविद्यालय के हॉस्पिटैलिटी एवं पर्यटन प्रबंधन विभाग द्वारा छह दिवसीय लघु अवधि प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

File Photo

हॉस्पिटैलिटी एवं पर्यटन प्रबंधन विभाग, असम विश्वविद्यालय, सिलचर द्वारा आज “हॉस्पिटैलिटी एवं पर्यटन शिक्षा में उत्कृष्टता को बढ़ावा’ विषय पर प्रवृत्तियाँ, प्रौद्योगिकी और स्थिरता” विषय पर छह दिवसीय लघु अवधि प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।

यह कार्यक्रम एमएमटीटीसी, असम विश्वविद्यालय, सिलचर के तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन असम विवि के कुलपति प्रो. राजीव मोहन पंत द्वारा किया गया। अपने उद्घाटन भाषण में प्रो. पंत ने भारत में पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र की तीव्र वृद्धि और संभावनाओं पर प्रकाश डाला तथा शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि ये संस्थान इस क्षेत्र के लिए कुशल पेशेवरों को तैयार करने में सहायक हैं।

स्वागत भाषण प्रो. अजय कुमार सिंह, उप निदेशक, यूजीसी-एमएमटीटीसी, असम विश्वविद्यालय ने दिया। उन्होंने इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों की शैक्षणिक ढांचे को मजबूत करने और शिक्षकों की क्षमताओं के विकास में भूमिका को रेखांकित किया। डॉ. संजीव कुमार सक्सेना, अध्यक्ष, हॉस्पिटैलिटी एवं पर्यटन प्रबंधन विभाग ने कार्यक्रम का अवलोकन प्रस्तुत किया और विभाग द्वारा प्रदान की जा रही शैक्षणिक गतिविधियों की जानकारी दी, जो वर्तमान उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप हैं।

प्रो. एच. रमनंद सिंह, अधिष्ठाता, जवाहरलाल नेहरू स्कूल ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज ने पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी शिक्षा के परिवर्तनकारी प्रभाव पर विचार व्यक्त किया, वहीं प्रो. आर. बालकृष्णन, निदेशक, एमएमटीटीसी ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और आयोजन समिति के प्रयासों की सराहना की। कार्यक्रम का समापन डॉ. के. वी. लोकेश कुमार, सहायक प्रोफेसर, हॉस्पिटैलिटी एवं पर्यटन प्रबंधन विभाग द्वारा औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

यह छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम देशभर से 24 प्रतिष्ठित विशेषज्ञों की सहभागिता में आयोजित हो रहा है, जिनमें अग्रणी हॉस्पिटैलिटी पेशेवरों और शिक्षाविदों का समावेश है। ये विशेषज्ञ अपने अनुभव और ज्ञान को सहभागियों के साथ साझा करेंगे, जिसमें वर्तमान रुझानों, नवाचार आधारित शिक्षण विधियों और सतत पर्यटन शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। कई सत्र आयोजित हुए।

पहला सत्र प्रो. सुशांत कुमार मिश्रा, नालंदा विश्वविद्यालय द्वारा लिया गया, जिन्होंने “अतिथि देवो भव बनाम पधारो म्हारे देश: एक सांस्कृतिक दृष्टिकोण” विषय पर चर्चा की। उन्होंने विभिन्न संस्कृतियों में पारंपरिक और आधुनिक आतिथ्य व्यवहारों पर प्रकाश डाला। दूसरा सत्र प्रो. दिलीप कुमार दास, बर्धमान विश्वविद्यालय द्वारा संचालित किया गया, जिसमें “पर्यटन एवं हॉस्पिटैलिटी उद्योग में शिक्षण अनुभव को सशक्त बनाना” विषय पर जानकारी दी गई।

उन्होंने नई शिक्षा नीति 2020 में निहित नवीन शिक्षण विधियों पर विशेष रूप से प्रकाश डाला। तीसरा सत्र मनु नारंग, प्राचार्य, जयपी होटल्स ट्रेनिंग सेंटर, आगरा द्वारा लिया गया, जिन्होंने “खाद्य एवं पेय संचालन में नवाचार” पर व्यावहारिक अंतर्दृष्टि साझा की। दिवस का समापन प्रो. सुनेयना, जामिया मिल्लिया इस्लामिया द्वारा प्रस्तुत “हॉस्पिटैलिटी और पर्यटन में उभरती प्रवृत्तियाँ” विषय पर व्याख्यान के साथ हुआ, जिसमें उद्योग के भविष्य को आकार देने वाले नवीनतम विकासों पर चर्चा की गई।

यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आगामी दिनों में विशेषज्ञों के अन्य सत्रों के साथ जारी रहेगा, जिसका उद्देश्य शैक्षणिक एवं औद्योगिक दोनों स्तरों पर हॉस्पिटैलिटी एवं पर्यटन शिक्षा में उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करना है।

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