भूटान की जेल से रिहा हुए एनडीएफबी के छह पूर्व उग्रवादियों को शुक्रवार को भारत को सौंप दिया गया, जो फिलहाल असम पुलिस की निगरानी में हैं। बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) के प्रमुख प्रमोद बोरो ने शनिवार को यह जानकारी दी।
बोरो ने पुष्टि की कि वर्तमान में नेपाल की जेल में बंद एक अन्य पूर्व एनडीएफबी उग्रवादी को भी जल्द ही भारत लाया जाएगा। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘एनडीएफबी के सभी छह पूर्व उग्रवादी अब असम पुलिस की निगरानी में हैं।’’ पूर्व उग्रवादियों को शुक्रवार शाम को चिरांग जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारतीय अधिकारियों को सौंपा गया।
रॉयल भूटान पुलिस द्वारा उन्हें सौंपे जाने के समय बोरो भी मौजूद थे। बीटीआर प्रमुख ने आश्वासन दिया कि रिहा किए गए पूर्व उग्रवादियों के घर लौटने पर उनके पुनर्वास के प्रयास किए जाएंगे।
जिन लोगों को रिहा किया गया, उनमें जून 2016 से कैद चिरांग जिले के शांतिपुर के जिबन बसुमतारी (37), दिसंबर 2012 से कैद कोकराझार जिले के सरलपारा के सोनाराम मोसाहारी (51), कोकराझार जिले के उल्टापानी के सनम मगर (48) शामिल हैं. इसके अलावा बिरमल बसुमतारी (34), बासुगांव, चिरांग जिले से, जून 2016 से जेल में बंद, दिलीप बासुमतारी (34), शांतिपुर, चिरांग जिले से, जून 2016 से सलाखों के पीछे और फखन नारज़ारी (32), बंदुगुरी, चिरांग जिले से, जेल में सजा काट रहे थे।
बताया जाता है कि सभी कैदी स्वास्थ्य ठीक है और उन्हें आगे की औपचारिकताओं और परिवारों और समाज के साथ उनके पुनः एकीकरण में मदद के लिए बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र के उच्च अधिकारियों की उपस्थिति में अब विघटित एनडीएफबी के नेताओं को सौंपा जा रहा है।
रिहाई के बाद उन्हें कल रात बोडोलैंड क्षेत्र की राजधानी कोकराझार लाया गया। यह ध्यान देने योग्य है कि एनडीएफबी एक सशस्त्र अलगाववादी संगठन था जिसका गठन 1986 में राज्य के प्रमुख जातीय समुदाय बोडो के लिए एक अलग संप्रभु बोडोलैंड बनाने के लिए किया गया था. बाद में, केंद्र सरकार ने इस संगठन को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया था। दो दशकों तक सक्रिय रहने के बाद 2020 में सरकार के साथ शांति संधि पर हस्ताक्षर करके यह संगठन निष्क्रिय हो गया। भाषा/ ईटीवी भारत।