Wednesday, January 15, 2025

ओरांग राष्ट्रीय उद्यान में 22,000 बीघा जमीन को अतिक्रमण से कराया गया मुक्त, मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने ‘एक्स’ पर किया उजागर 

 

मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने अपने एक बयान में कहा कि राज्य सरकार ने ओरांग राष्ट्रीय उद्यान में 22,000 बीघा जमीन से अतिक्रमण हटा दिया है। डॉ. शर्मा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘असम में हम वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में सफलता की एक नयी कहानी लिख रहे हैं।’

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हमेशा की तरह संदिग्धों के विरोध के बावजूद, उन्होंने ओरांग राष्ट्रीय उद्यान में 22,000 बीघा जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया।’ उन्होंने लिखा कि ओरांग राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्रफल अब कई गुना बढ़ गया है और यह काजीरंगा और बुरहा-चापोरी वन्यजीव अभयारण्य से सीधे जुड़ गया है, जिससे जानवरों के पनपने के लिए 180 किलोमीटर लंबा एक निर्बाध संरक्षित क्षेत्र बन गया है।

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मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा ने कहा, यह विशाल क्षेत्र अब वनस्पतियों और जीवों के विविध रूपों को संजोये रखेगा और असम को जैव विविधता के प्रमुख केंद्र के रूप में मजबूत करेगा। ओरांग राष्ट्रीय उद्यान राज्य के उदलगुड़ी और सोनितपुर जिलों में ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी तट पर स्थित है।

एक सींग वाले गैंडे और रॉयल बंगाल टाइगर सहित विभिन्न जानवरों के लिए प्रसिद्ध यह उद्यान 79.28 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। ओरंग को 1985 में एक अभयारण्य के रूप में स्थापित किया गया था और 13 अप्रैल, 1999 को इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया। काजीरंगा और ओरांग दोनों में दलदल, नदियां और घास के मैदान एक जैसे हैं और यहां एक जैसे वन्यजीव रहते हैं। PTI

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