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हाफ़िज़ रशीद अहमद चौधरी ने कहा, यह निर्णय लोगों से परामर्श या उचित चर्चा किए बिना लिया गया
करीमगंज का नाम बदलकर श्रीभूमि रखे जाने पर विरोध हुआ है। मालूम हो कि असम सरकार द्वारा करीमगंज जिले का नाम बदलकर श्रीभूमि करने की आधिकारिक घोषणा 21 नवंबर, 2024 को की गई थी, लेकिन इतने दिनों के बाद अब इस निर्णय का विरोध दर्ज हुआ है। जबकि जिला मुख्यालय से लेकर सरकारी कार्यालयों के साइन बोर्डों पर श्रीभूमि अंकित हो गया है।
जिले के नाम बदले जाने के विरोध में राज्यपाल को एक ज्ञापन भेजा गया। ज्ञापन में लगभग 300,000 हस्ताक्षर सौंपे गए। कहा गया करीमगंज में “करीम” शब्द आता है, क्या इसलिए नाम बदला गया यह सवाल उठाया गया। कांग्रेस नेता तथा वरिष्ठ वकील हाफ़िज़ रशीद अहमद चौधरी सहित विरोध करने वाले नेताओं ने नाम बदलने की कड़ी आलोचना की, दावा किया कि यह राजनीति से प्रेरित है और इसका उद्देश्य हिंदुओं और मुसलमानों के बीच मतभेद पैदा करना है।
चौधरी ने कहा कि यह निर्णय लोगों से परामर्श या उचित चर्चा किए बिना लिया गया है। उन्होंने असम सरकार से निर्णय को वापस नहीं लेने की मांग की। कहा, लोग डॉ. हिमंत विश्व शर्मा कैबिनेट के इस निर्णय से दुखी और आश्चर्यचकित है। राज्य के एक ऐतिहासिक जिले का नाम बदला जाना दुखी किया है।
विदित हो कि करीमगंज जिले का नाम बदलकर श्रीभूमि करने की आधिकारिक घोषणा असम सरकार द्वारा 21 नवंबर, 2024 को की गई थी, जिसमें मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने इस कदम को जिले की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रतिबिंबित करने की लंबे समय से चली आ रही मांग की पूर्ति के रूप में उचित ठहराया था।
योगेश दुबे