Saturday, April 12, 2025

कर्तव्य से विकास योजना पर महिला महाविद्यालय में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

इस योजना का मकसद, छात्रों को संविधान में दिए गए अधिकारों, नागरिकों के दायित्व, राष्ट्रीयता, और राष्ट्रीय एकता के बारे में बताना है।

असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य द्वारा हाल ही में राज्य के युवाओं में नागरिक जिम्मेदारियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई कर्तव्य से विकास योजना के तहत मंगलवार को महिला महाविद्यालय सिलचर में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।  इस योजना का मकसद, छात्रों को संविधान में दिए गए अधिकारों, नागरिकों के दायित्व, राष्ट्रीयता, और राष्ट्रीय एकता के बारे में बताना है।

कछार जिला प्रशासन और नेहरू युवा केंद्र द्वारा आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आईक्यूएसी) महिला महाविद्यालय के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में कॉलेज के नए सेमिनार हॉल में छात्र-छात्राओं और शिक्षाविदों की मौजूदगी रही। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुजीत तिवारी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, “राष्ट्र निर्माण के प्रति हमारा बहुत बड़ा कर्तव्य है। असम के महामहिम राज्यपाल की पहल के अनुसार “कर्तव्य से विकास” पर कार्यक्रम कर्तव्य के माध्यम से प्रगति के सार को खूबसूरती से समेटे हुए है।

हर महान सभ्यता, हर संपन्न समाज और हर सफल व्यक्ति के मूल में कर्तव्य के प्रति गहरी प्रतिबद्धता निहित है। हमारी जिम्मेदारियाँ हमें परिभाषित करती हैं, हमें आकार देती हैं और अंततः हमारे विकास की दिशा निर्धारित करती हैं। अगर हम इतिहास पर नज़र डालें, तो हर महान नेता, वैज्ञानिक, शिक्षक या सुधारक जिसने समाज पर एक अमिट छाप छोड़ी है, उसने अपने कर्तव्यों को समर्पण और निस्वार्थ भाव से पूरा करके ऐसा किया। शिक्षकों, छात्रों और जिम्मेदार नागरिकों के रूप में, हमारे आज के कर्तव्य कल के भारत को परिभाषित करेंगे।

छात्रों को कर्तव्य को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए। हर काम, चाहे वह कितना भी छोटा क्यों न हो, पूरी ईमानदारी के साथ करें। चाहे वह अपने बड़ों का सम्मान करना हो, अपनी पढ़ाई में अव्वल आना हो या सामाजिक योगदान देना हो प्रत्येक कर्तव्य हमारे समाज की सामूहिक प्रगति में योगदान देता है। स्वामी विवेकानंद की उक्ति को दोहराते हुए, जिन्होंने कहा था, “उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।” विकसित भारत का लक्ष्य तभी प्राप्त किया जा सकता है जब प्रत्येक नागरिक अपने कर्तव्य को गंभीरता से ले।

युवा सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. मिथुन रॉय ने इस कार्यक्रम में संसाधन व्यक्ति के रूप में भाग लिया और विभिन्न तरीकों पर प्रकाश डाला, जिसके माध्यम से युवा और विशेष रूप से छात्र राष्ट्रीय एकता और अखंडता को बढ़ावा देने में योगदान दे सकते हैं। युवाओं को राष्ट्रीय और सार्वजनिक संपत्तियों की सुरक्षा और जरूरतमंदों की मदद करने और सामाजिक सद्भाव को बढ़ाने के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का एहसास होना चाहिए।

कार्यक्रम में अन्य संसाधन व्यक्ति एडवोकेट मुक्ता दास चौधरी ने मानवाधिकारों और देश के प्रति कर्तव्यों के बारे में बात की। कॉलेज के उप प्राचार्य और कॉलेज के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के समन्वयक डॉ. शांतनु दास ने राज्यपाल द्वारा की गई पहल की सराहना की और दिन के कार्यक्रम को सफल बनाने में उनकी भागीदारी के लिए सभी को धन्यवाद दिया। उल्लेखनीय है कि इस अवसर पर विद्यार्थियों के बीच कर्तव्यों एवं जिम्मेदारियों के महत्व पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की गई तथा उनके सहज उत्तरदायित्वों के लिए उपहार भी दिए गए।

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