असम में विपक्षी दल कांग्रेस ने बुधवार को निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर नगांव जिले के पुलिस अधीक्षक समेत कुछ पुलिस अधिकारियों के तबादले की मांग की और आरोप लगाया कि उन्होंने रूपाहीहाट में हिंसा में शामिल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं की।
कांग्रेस की पार्टी प्रदेश इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष जाकिर हुसैन सिकदर और वरिष्ठ नेता रिपुन बोरा समेत कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) अनुराग गोयल से मुलाकात की और इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को रूपाहीहाट में उसके समर्थकों और विधायकों के काफिले पर हमला किया, जब वे सामगुरी विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए प्रचार करने के वास्ते यात्रा निकाल रहे थे।
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कांग्रेस ने आरोप लगाया, “घटना के बाद विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने नगांव के पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की और उनसे त्वरित कार्रवाई करने का अनुरोध किया। रूपाही और खटोवाल थानों में कई शिकायतें दर्ज की गईं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।” कांग्रेस ने यह दावा भी किया कि पुलिस अधीक्षक स्वप्निल डेका, रूपाही और खटोवाल थानों के प्रभारी संजीब कुमार रॉय और बीकू बर्मन भाजपा नेताओं से ‘‘मिले हुए हैं।’’
पत्र में कहा गया है, “वे राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए हानिकारक गतिविधियों में शामिल हैं।” कांग्रेस ने आयोग से आग्रह किया कि वह सामगुरी में 13 नवंबर को स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए पुलिस अधिकारियों का तत्काल तबादला करे।
बाद में सिकदर ने संवाददाताओं से कहा कि वे इस मामले को लेकर पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) जीपी सिंह को भी एक ज्ञापन सौंपेंगे। रूपाहीहाट में हुई झड़प में कांग्रेस और भाजपा दोनों के लोग घायल हुए हैं। भाजपा ने आरोप लगाया था कि धुबरी के सांसद रकीबुल हुसैन कहीं और से गुंडे लेकर आए थे, जिन्होंने उत्पात मचाया, पार्टी के पोस्टर तथा बैनर फाड़े और समर्थकों पर हमला किया। साभार – भाषा।