विद्यालय में बना रहा भक्तिमय वातावरण
जवाहर नवोदय विद्यालय, पैलापुल कछार में ज्ञान, बुद्धि और संगीत की देवी मां सरस्वती की भव्य पूजा का आयोजन किया गया। विद्यालय के प्राचार्य श्री विश्वास कुमार राणा के नेतृत्व में यह समारोह विधिवत रूप से संपन्न हुआ। पूरे विद्यालय में भक्तिमय वातावरण था, और छात्र-छात्राओं, शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने पूरी श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना की। सरस्वती पूजा के अवसर पर विद्यालय के विद्यार्थियों और शिक्षकों ने मिलकर मां सरस्वती की प्रतिमा का भव्य श्रृंगार किया। इसके पश्चात वैदिक मंत्रोच्चार और पंडितों द्वारा विशेष अनुष्ठान संपन्न हुआ। विद्यालय के प्राचार्य विश्वास कुमार राणा ने मां सरस्वती की पूजा-अर्चना कर सभी विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “मां सरस्वती विद्या, बुद्धि और ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी हैं।
आज के इस शुभ अवसर पर हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम शिक्षा के क्षेत्र में समर्पण भाव से आगे बढ़ेंगे और अपने देश व समाज की सेवा करेंगे।” सरस्वती पूजा के इस पावन पर्व को लेकर पूरे विद्यालय में उत्सव जैसा माहौल था। छात्र-छात्राएं पारंपरिक परिधानों में सुसज्जित होकर इस धार्मिक अनुष्ठान में शामिल हुए। विशेष रूप से छात्राओं ने पीले वस्त्र धारण कर मां सरस्वती की भक्ति में लीन होकर भजन-कीर्तन प्रस्तुत किए। शिक्षकों और विद्यार्थियों ने मिलकर पूरे विद्यालय परिसर को फूलों, रंगोली और सुंदर सजावट से अलंकृत किया। विद्यालय के एनसीसी कैडेट्स ने इस अवसर पर विशेष रूप से श्रमदान कर स्वच्छता अभियान चलाया। उन्होंने विद्यालय परिसर की सफाई की और “स्वच्छ भारत अभियान” को समर्थन देते हुए स्वच्छता का संदेश दिया।
कैडेट्स ने इस कार्य को केवल एक गतिविधि के रूप में नहीं, बल्कि एक राष्ट्र सेवा के रूप में किया, जिससे विद्यालय के अन्य विद्यार्थियों को भी प्रेरणा मिली। एनसीसी कैडेट्स के इस श्रमदान ने समाज सेवा के प्रति जागरूकता बढ़ाने का कार्य किया। उन्होंने यह संदेश दिया कि शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि यह नैतिकता, अनुशासन और समाज के प्रति कर्तव्य बोध भी सिखाती है। पूजा-अर्चना के पश्चात विद्यालय में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। विद्यार्थियों ने सरस्वती वंदना, भजन-कीर्तन, लोकगीत और नृत्य प्रस्तुत किए। कई छात्रों ने भारतीय संस्कृति और मां सरस्वती के महत्व पर विचार व्यक्त किए गए। विद्यालय के संगीत समूह ने मधुर भजन संध्या प्रस्तुत की, जिसमें “या कुन्देन्दुतुषारहारधवला…” जैसे भक्ति गीतों ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया। विद्यार्थियों की प्रस्तुतियों को सभी शिक्षकों और अतिथियों ने सराहा और उनकी प्रतिभा की प्रशंसा की। पूरे विद्यालय में इस कार्यक्रम को लेकर विशेष उत्साह और उमंग देखने को मिली।
छात्र-छात्राओं ने प्रसाद वितरण में भाग लिया और एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर विद्यालय में पढ़ाई के महत्व पर भी चर्चा हुई, और विद्यार्थियों ने मां सरस्वती से बुद्धि, विवेक और ज्ञान की प्रार्थना की। विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक श्री देवाशीष सिंहा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा, “आज का दिन केवल पूजा का ही नहीं, बल्कि आत्ममंथन और ज्ञान की साधना का दिन है। हमें मां सरस्वती से प्रेरणा लेकर शिक्षा के प्रति गंभीरता दिखानी चाहिए और अपने जीवन को सार्थक बनाना चाहिए।” कार्यक्रम के अंत में भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने प्रसाद ग्रहण किया। विद्यालय की रसोई में विशेष रूप से खिचड़ी, खीर, पूड़ी, सब्जी और अन्य व्यंजनों का प्रसाद तैयार किया गया था।
प्राचार्य विश्वास कुमार राणा ने विद्यालय परिवार को इस सफल आयोजन के लिए बधाई दी और विद्यार्थियों से आगे भी इसी प्रकार शिक्षा और नैतिक मूल्यों को अपनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों से विद्यार्थियों में संस्कार, अनुशासन और सामूहिकता की भावना विकसित होती है। जवाहर नवोदय विद्यालय, पैलापुल कछार में आयोजित सरस्वती पूजा समारोह विद्यालय के सबसे भव्य आयोजनों में से एक रहा। विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों की सामूहिक सहभागिता ने इसे और भी खास बना दिया। इस आयोजन ने शिक्षा, स्वच्छता, समाज सेवा और भारतीय संस्कृति के महत्व को रेखांकित किया।
यह समारोह विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना, जिससे वे शिक्षा के प्रति और अधिक समर्पित होने के लिए प्रेरित हुए। ऐसे आयोजनों से न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों की स्थापना होती है, बल्कि विद्यार्थियों में संस्कार, अनुशासन और समाज सेवा की भावना भी विकसित होती है। विद्यालय परिवार की इस अद्भुत पहल से न केवल नवोदय विद्यालय, बल्कि पूरे कछार क्षेत्र में सकारात्मक संदेश फैला और यह आयोजन विद्यालय के इतिहास में एक स्मरणीय अवसर बन गया।