नामांकन वापस लेने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए मंत्री जयंत मल्लबरुआ और अमिय कांति दास।
भाजपा से नाराज होकर पार्टी के वरिष्ठ नेता अमिय कांति दास ने बतौर निर्दलीय प्रत्याशी नामांकन पत्र जमा किया था, लेकिन आज उन्होंने वापस ले लिया। भाजपा उन्हें मना लिया और उनकी घर वापसी भी हो गई। नामांकन वापस लेने के समय राज्य के मंत्री जयंत मल्लबरुआ, लखीपुर के विधायक कौशिक राय उपस्थित रहे। मंत्री जयंत ने कहा कि अमिय कांति दास पार्टी के एक वरिष्ठ व कर्मठ नेता है। पार्टी का आदर्श नीति को मानते है।
मंत्री जयंत मल्लबरुआ और अमिय कांति दास ने क्या कहा, आप भी सुनिए।
यह सही है टिकट वितरण पश्चात वह नाराज होकर निर्दलीय चुनाव के लिए नामांकन भरा था। उन्होंने अमिय और उनके समर्थकों के साथ एक बैठक कर मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा के प्रति आस्था रखने का आग्रह किया। पार्टी द्वारा दिए उम्मीदवार के पक्ष में मुख्यमंत्री द्वारा समर्थन की अपील पर अमिय तथा उनके सभी समर्थक मान गए। मंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पार्टी के अंदर कोई आपसी विवाद नहीं है। टिकट जारी होने के बाद थोड़ी बहुत नाराजगी देखने को मिलता है। अमिय कांति भाजपा के थे और आगे भी रहेंगे। अमिय ने भाजपा खिलाफ कुछ बयान दिया नहीं है। मुख्यमंत्री हो या पार्टी के अध्यक्ष किसी के खिलाफ नहीं बोले है।
कुछ बातों को लेकर अमिय कांति ने आवेग में आकर अपनी मन की बात कही है जो एक स्वाभाविक प्रक्रिया का हिस्सा है। ऐसे में अमिय कांति पार्टी में जिस पद पर थे वह पद उनका बरक़रार रहने वाला। पार्टी ने उनके इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया था। अमिय कांति ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री के सम्मान और आदर के कारण नामांकन वापस ले लिया। भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष और एक निर्दल उम्मीदवार अमिय कांति दास ने अपना नामांकन वापस ले लिया। सोमवार को उन्होंने कछार जिले के अभिभावक मंत्री जयंत मल्लबरुआ, लखीपुर विधायक कौशिक रॉय और जिला अध्यक्ष बिमलेंदु रॉय की उपस्थिति में अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया।
Advertisement
अमिय कांति दास पत्रकारों से मुखातिब हुए और कहा कि वह भाजपा के खिलाफ नहीं खड़े थे। मौजूदा सांसद परिमल शुक्लवैद्य के खिलाफ केवल एक व्यक्ति खड़ा था। उन्हें इस बात का दुख था कि धोलाई उपचुनाव के लिए स्थानीय नेताओं के भावनाओं का कद्र नहीं हुआ। इस दौरान अमिय बहुत ही भावुक हो गए। उनकी आँखे नम थी। उन्होंने अपनी भावनाओं को व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि धोलाई के पार्टी कार्यकर्ता परिमल से बेहद नाराज थे। परिमल लंबे समय तक विधायक रहे, मंत्री भी बने। अब सांसद है, किंतु वे अधिकांश कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर रहे हैं। लंबे समय से दबा हुआ गुस्सा फूट पड़ा। नाराज समर्थक और कार्यकर्ता उनके साथ आए और चुनाव लड़ने का सुझाव दिया।
उन्होंने यह भी कहा कि नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद जिला अध्यक्ष से लेकर विधायक कौशिक राय, मंत्री जयंत मल्लबरुआ तक ने बार-बार संपर्क किया है। रविवार रात मंत्री जयंत मल्लबरुआ और मुख्यमंत्री ने उनसे फोन पर बात की। मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया कि निहार रंजन दास धोलाई में उम्मीदवार नहीं बल्कि वह खुद वहां चुनाव लड़ रहे हैं और जब मुख्यमंत्री ने उन्हें नामांकन पत्र वापस लेने के लिए कहा, तो उन्होंने सम्मान और श्रद्धा के साथ अपना नामांकन वापस ले लिया। अमिय के नामांकन वापस लेने से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गई। कांग्रेस यह मानकर चल रही थी कि अमिय के मैदान में रहने से भाजपा के मतों में विभाजन होता और लाभ उन्हें मिल जाता। फिलहाल भाजपा आगामी कल से जी जान से प्रचार अभियान में कूद रही है।
योगेश दुबे