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असम में दो चरणों, 2 और सात मई, में संपन्न हुए पंचायत चुनाव का मतगणना 11 मई को है। 11 मई को उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला हो जाएगा। मतों की गिनती सुचारू एवं शांतिपूर्ण रूप से संपन्न हो सके इसके लिए कछार जिला प्रशासन ने अपनी पूरी तैयारी करने के क्रम में महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
जिला आयुक्त मृदुल यादव ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू की है। प्रशासन ने किसी भी संभावित गड़बड़ी को रोकने के लिए पूर्व-निवारक उपायों को लागू करना आवश्यक समझा है। जिला आयुक्त ने मतगणना स्थलों के पास ट्रैफिक और होने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के क्रम में ठोस पहल की है।
सिलचर , रामनगर के आईएसबीटी / आईएसटीटी में निर्धारित मतगणना केंद्रों के 100 मीटर के दायरे में सार्वजनिक सभा और वाहनों की आवाजाही पर सख्त प्रतिबंध लगाए गए हैं। प्रतिबंधित क्षेत्रों में अनधिकृत व्यक्तियों, वाहनों और अस्थायी विक्रेताओं को अनुमति नहीं दी जाएगी।
इसके अलावा, केवल उन लोगों को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी जिनके पास मतगणना के लिए सेल द्वारा जारी वैध पहचान पत्र होंगे। किसी भी तरह की उकसावे या हिंसा की संभावना को रोकने के लिए, आदेश में लाठी, नुकीली वस्तुएं या ऐसी कोई भी वस्तु ले जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है, जिसका उपयोग हथियार के रूप में किया जा सकता है।
इसके अतिरिक्त, सार्वजनिक शांति बनाए रखने के लिए पटाखों और अन्य शोर-शराबा पैदा करने वाले उत्सव तत्वों के उपयोग पर सख्ती से रोक लगाई गई है। यह उल्लेखनीय है कि निषेधाज्ञा आदेश में चुनाव ड्यूटी पर तैनात सुरक्षा कर्मियों और सरकारी अधिकारियों के लिए अपवाद बनाए गए हैं।
प्रभावित क्षेत्रों के भीतर स्थायी व्यावसायिक प्रतिष्ठान आदेश से अप्रभावित रहेंगे। यह आदेश, जो तत्काल प्रभाव से लागू होता है, स्थिति की तात्कालिकता को देखते हुए एकतरफा जारी किया गया है और अगली सूचना तक लागू रहेगा। कोई भी पीड़ित पक्ष वैध औचित्य के साथ सक्षम प्राधिकारी से संपर्क कर सकता है।
इस आदेश का उल्लंघन करने पर बीएनएसएस की धारा 223 के अनुसार दंडात्मक परिणाम भुगतने होंगे। जिला प्रशासन सभी नागरिकों से पूर्ण सहयोग करने और वैध और व्यवस्थित तरीके से लोकतांत्रिक उत्सव की भावना को बनाए रखने का आग्रह करता है।