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पिकनिक के समय होने वाले सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के दिशा के कछार जिला प्रशासन ने विशेष पहल की है। कई कड़े कदम भी उठाए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि 31 दिसंबर और पहली जनवरी लोग पिकनिक मनाने बाहर निकलते है। सड़क सुरक्षा नियमों के उलंघन की वजह से अनेक दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं। कछार जिला प्रशासन इसको ध्यान में रखते हुए बृहस्पतिवार को एक बैठक की है। बैठक का नेतृत्व जिला सड़क सुरक्षा समिति ने की। जागरूक करने पर जोर दिया गया। बैठक की अध्यक्षता कछार के जिला आयुक्त मृदुल यादव ने की। इस महत्वपूर्ण बैठक में विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख हितधारक आमंत्रित थे।
बैठक का प्रमुख उद्देश्य आगामी पिकनिक सीजन और सर्दियों के कोहरे से उत्पन्न होने वाली अनोखी चुनौतियों का समाधान करने के लिए मजबूत रणनीति तैयार करना था। बैठक का मुख्य उद्देश्य सड़क सुरक्षा के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का वितरण था, जो विशेष रूप से पिकनिक और कोहरे के मौसम के दौरान सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए तैयार किए गए थे। इन एसओपी को मोटर चालक संघों और हितधारकों के प्रतिनिधियों के साथ साझा किया गया, जिससे जिले भर में सुरक्षा उपायों को बढ़ाने के लिए सहयोगी प्रयासों की दिशा तय हुई। उल्लेखनीय निर्णयों में 31 दिसंबर और 1 जनवरी को बार को पहले बंद करने का निर्देश, बंद करने का समय रात 10 बजे से बदलकर रात 8 बजे करना शामिल है, जो देर रात होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से एक बड़ा और सराहनीय कदम है।
शहर और बाईपास क्षेत्रों में बेहतर स्ट्रीट लाइटिंग के लिए योजनाएं बनाई गईं, जो दृश्यता चुनौतियों से निपटने और सुरक्षित ड्राइविंग स्थितियों को बढ़ावा देने के लिए एक बहुत ही आवश्यक कदम है। शिक्षा विभाग ने सड़क सुरक्षा और पिकनिक सावधानियों पर नागरिकों को शिक्षित करने के लिए डिज़ाइन किए गए नुक्कड़ नाटकों की घोषणा करके जन जागरूकता के लिए एक रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाया। इसके पूरक के रूप में, स्वास्थ्य सेवा विभाग ने ड्राइवरों के लिए मोतियाबिंद स्क्रीनिंग आयोजित करने का संकल्प लिया। बाईपास सड़कों पर सख्त नो-पार्किंग नीति लागू की जाएगी, जिसे लोक निर्माण विभाग (PWD) की कड़ी कार्रवाई का समर्थन प्राप्त है। तैयारियों को और बढ़ाने के लिए एम्बुलेंस को पहचाने गए ब्लैक स्पॉट और राजमार्गों के पास रणनीतिक रूप से तैनात किया जाएगा, जबकि आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए ट्रॉमा सेंटर हाई अलर्ट पर रहेंगे।
सड़क अनुशासन को सुदृढ़ करने के लिए, वन विभाग, जिला परिवहन कार्यालय और पुलिस द्वारा लोकप्रिय पिकनिक स्थलों पर एसओपी प्रदर्शित करने वाले बड़े कट-आउट लगाए जाएंगे। इस दृश्य सुदृढ़ीकरण का उद्देश्य आगंतुकों के बीच जिम्मेदार व्यवहार को बढ़ावा देना है। यातायात नियमों के प्रवर्तन को कड़ा किया जाना तय है, जिसमें जिला परिवहन अधिकारी वाहन मालिकों के बीच अनुपालन सुनिश्चित करने के प्रयासों का नेतृत्व करेंगे, जिसमें पीछे और किनारे पर रिफ्लेक्टर लगाना अनिवार्य है।
हेलमेट के उपयोग को सख्ती से लागू करने के साथ-साथ माइकिंग अनुमति और परिवहन जागरूकता वीडियो के माध्यम से जागरूकता अभियान को भी बढ़ावा मिलेगा। पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें तत्काल कार्रवाई के लिए तैयार रहेंगी और संभावित दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अंधेरे के बाद सड़कों के किनारे खड़े वाहनों की बारीकी से निगरानी की जाएगी। बैठक में एडीसी अंतरा सेन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ( अपराध ) आर. शीतल कुमार, प्रभागीय वन अधिकारी (क्षेत्रीय) पलवे विनोय त्रियंबक और शिक्षा, स्वास्थ्य, पीडब्ल्यूडी, परिवहन और आबकारी जैसे प्रमुख विभागों के अन्य लोग शामिल थे। सर्दी के मौसम में कोहरे भी पड़ते हैं। नागरिकों से सतर्क रहने और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने का आग्रह किया जाता है, ताकि सभी के लिए अधिक सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित हो सके।