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राहगीरों का पैदल चलना भी मुश्किल
जोर लगा के हईशा ! एक बार फिर,,, संभल के ,, जी हाँ इस तरह शब्द आपको कछार जिले के बिहारा क्षेत्र में असममाला अंतर्गत बन रहे मार्ग पर सुनाई पड़ेगा। सड़क निर्माण कंपनी के ठेकेदार जिस तरीके से काम कर रहे हैं, हर रोज गाड़ियां कीचड़ से सने गड्ढों में, विशेषकर वर्षा के समय, फंस जाती है। अंततः जेसीबी के माध्यम से गाड़ियों को बाहर निकालने की नौबत आ जाती है।
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वर्षा के समय लोगों को अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। सड़क पर जगह – जगह बड़े बिकराल गड्ढे है। अनेक स्थानों पर सड़क कीचड़ में तब्दील हो गया है, बड़ी मुश्किल से कीचड़ से बाहर गाड़ियां निकल पाती हैं।
राहगीरों को भी चलने समस्या हो रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार सड़क बनवा रही यह ख़ुशी के बात है। ठेकेदार द्वारा जिस तरीके से काम किया जा रहा उस प्रक्रिया पर सवाल खड़ा किया है।
सड़क को खोद दिया गया है। जगह – जगह गड्ढे हो गए हैं। आवागमन में बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आधी रात को कोई अचानक बीमार पड़ जाता है, तो अस्पताल तक पहुंचना किसी खतरे से कम नहीं। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा बराक घाटी दौरे पर हैं। लोग चाहते हैं कि एक बार उन्हें यहां निरीक्षण करने आना चाहिए। जिस प्रकार काम हो रहा उसे संज्ञान में लेकर आम जनता को समस्या न हो इस दिशा में पहल करनी चाहिए। चालकों का कहना है कि वाहनों के मेंटेनस खर्च बढ़ गया है। सड़क के बीच गड्ढे हो गए है, ऊपर से वर्षा के समय कीचड़ हो जाता है। नतीजतन जो दुर्गत उनकी हो रही साधारण शब्दों में बयान नहीं कर सकते। वाहन जल्दी ख़राब हो रहे।
सड़क निर्माण में लगे ठेकेदार के एक आदमी से बात हुई तो उन्होंने बताया कि एक वर्ष चार महीने पहले असममाला के तहत काम शुरू हुआ है। तीन वर्ष में इस प्रोजेक्ट का कार्य संपन्न होना है। बड़खोला जीरो प्वाइंट्स से कलाइन तक 21 किमी का प्रोजेक्ट है। वर्षा के मौसम में मेंटेनस का काम चल रहा है। उनका यह भी कहना था ओवरलोड वाहनों की वजह से मेंटेनस कार्य में समस्या हो रही है। पत्थरों से लदे बड़े वाहनों की वजह मेंटेनस में बाधा हो रही है। अधिक वर्षा के समय सड़क ख़राब हो जाता है। ऐसा नहीं वे मेंटेनस नहीं कर रहे, लेकिन ओवरलोडेड वाहनों के चलते रहने से काम में कठिनाई आ रही है।
योगेश दुबे Yogesh Dubey