श्री श्री बरम बाबा मेले के उद्घाटन समय की तस्वीर
बराक घाटी का ऐतिहासिक श्री श्री बरम बाबा मेले का आज भव्य शुभारंभ हुआ। कछार जिले के शिलकुड़ी इलाके में स्थित श्री बरम बाबा मंदिर की 83वें तीन दिवसीय मेले का उद्घाटन रामकृष्ण मिशन, सिलचर के स्वामी गुणातितानन्द जी महाराज ने फीता काटकर किया। इस अवसर पर श्री श्री बरम बाबा मंदिर परिचालना समिति के अध्यक्ष ध्रुवनाथ सिंह की उपस्थिति में आमंत्रित विशेष अतिथि लखीपुर के विधायक कौशिक राय, सिलचर के सांसद परिमल शुक्लवैद, करीमगंज के सांसद कृपानाथ मल्लाह, बराक चाय श्रमिक यूनियन के महासचिव तथा पूर्व विधायक राजदीप ग्वाला, शिलकुड़ी चाय बागान के मैनेजिंग डाइरेक्टर एनके बागला, श्री बरम बाबा मंदिर के प्रधान आचार्य सबिता शर्मा, भाजपा मंडल समिति के अध्यक्ष प्रदीप दास, पूर्व जिला परिषद सदस्य मानव सिंह सहित अन्य मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि बराक घाटी का ऐतिहासिक एवं जागृत मंदिर श्री श्री बरम बाबा मंदिर के इस मेले में अपितु केवल राज्य भर से ही नहीं असम से बाहर उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड आदि प्रदेशों से भी लोग आते हैं। मेले के उद्घाटन समारोह में मुख्य एवं विशेष अतिथियों का अंग वस्त्र भेंट कर स्वागत एवं सम्मान किया गया। अपने संबोधन में करीमगंज के सांसद कृपानाथ मल्लाह ने कहा कि श्री बरम बाबा का अनुकंपा सदैव उनपर रहा है। आस्था के केंद्र श्री बरम बाबा की कृपा से वह अपने जीवन में बहुत कुछ उपलब्धि हासिल की।
लखीपुर क्षेत्र के विधायक कौशिक राय ने कहा कि श्री श्री बरम बाबा मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक एकजुटता का प्रतीक है। चाय बागानों से आने वाले श्रदालु पूजा – पाठ के अलावा एक दूसरे से मिलने का भी अवसर उन्हें मिलता है। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा के मार्गदर्शन में मंदिर और इस क्षेत्र का विकास करने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री ने जगन्नाथ मंदिर का निरीक्षण किया था व यहां विकास योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने सार्वजनिक धर्मशाला, तालाब के घाट का निर्माण, शादी-ब्याह और सामाजिक कार्यक्रमों के लिए स्थान उपलब्ध कराने जैसी सुविधाओं का ऐलान किया।
विधायक राय ने बताया कि आने वाले दिनों में चाय बागान क्षेत्र के निवासियों के कल्याण के लिए भी कई योजनाओं को लागू किया जाएगा ताकि उनके सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रम सुचारू रूप से संपन्न हो सकें। विधायक कौशिक राय ने मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा के नेतृत्व में बराक घाटी में चल रही विभिन्न योजनाओं का उल्लेख किया। मुख्यमंत्री के निर्देश पर मंदिर परिसर में एक तालाब के घाट और धर्मशाला का निर्माण किया जाएगा, ताकि श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को बेहतर सुविधाएँ मिल सकें। विधायक राय ने कहा कि इन योजनाओं के माध्यम से मंदिर और मेले की व्यवस्थाओं में और भी सुधार आएगा, जिससे श्रद्धालु अपनी धार्मिक गतिविधियों को अधिक सुविधाजनक तरीके से निभा सकेंगे।
आगामी मार्च तक जगन्नाथ मंदिर के निर्माण कार्य को पूरा करने का लक्ष्य भी रखा गया है ताकि होली के अवसर पर इसका उद्घाटन किया जा सके। इसके साथ ही, प्रस्तावित धर्मशाला में विभिन्न सांस्कृतिक, सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन की योजना भी है, जिससे स्थानीय समाज में एक नई दिशा मिल सकेगी। लखीपुर के पूर्व विधायक तथा बराक चाय श्रमिक यूनियन के महासचिव श्रमिक नेता राजदीप ग्वाला ने चाय जनगोष्ठी और बराक घाटी के कल्याण के लिए बरम बाबा से प्रार्थना की।
सांसद परिमल शुक्लवैद सहित सभी वक्ताओं ने बरम बाबा की महिमा का गुणगान करते हुए इस मेले के पर व्याख्यान दिया। पूर्व विधायक राजदीप ग्वाला ने अपने वक्तव्य में मंदिर व मेले की विशेषता तथा आस्था को लेकर विचार रखे।अन्य उपस्थित प्रमुख व्यक्तियों में डॉ रंजन सिंह, रवि नुनिया, बाबुल नारायण कानू, विश्वजीत कोइरी, लालन प्रसाद ग्वाला आदि शामिल थे। फकीरटीला सार्वजनिक शिव मंदिर संचालन समिति के अध्यक्ष पृथ्वीराज ग्वाला व सचिव सत्राजित कुर्मी ने मेले में आए श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बरम बाबा का मेला हमारी धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक समरसता का प्रतीक है। उन्होंने सभी को इस पवित्र अवसर पर बधाई दी और कामना की कि बाबा का आशीर्वाद सब पर बना रहे।
बरम बाबा मेला परिचालना समिति के सदस्य रंजन सिंह, सुबचन ग्वाला, प्रदीप कुर्मी, जय कुमार कानू, कैलाश ग्वाला, दिनेश लाल छत्री और अन्य सभी ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए विशेष प्रयास किए। इन सदस्यों की कड़ी मेहनत से मेले का संचालन सुचारू और व्यवस्थित तरीके से हो पा रहा। मंदिर कमेटी ने इस आयोजन के संचालन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और सभी का विशेष योगदान रहा। कहा गया कि श्री बरम बाबा मेला न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि एक ऐसा आयोजन भी है जहाँ लोग आपसी प्रेम, भाईचारा और सामाजिक समरसता का अनुभव करते हैं।
इस प्रकार के आयोजन समाज में सहिष्णुता, एकता और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने का कार्य करते हैं। हर साल कार्तिक माह के रास पूर्णिमा के पावन अवसर पर आयोजित इस मेले में हजारों श्रद्धालु बरमबाबा में जलाभिषेक करते हैं और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। यह मेला न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक एकता और भाईचारे को भी प्रोत्साहित करता है। मंदिर परिचालन समिति के अध्यक्ष ने मेले के आयोजन एवं प्रगति कार्य के संबंध में जानकारी साझा की। उद्घाटन समारोह का संचालन प्रदीप कुर्मी ने किया। वहीं मेले में बराक हिन्दीभाषी ब्राह्मण समाज द्वारा अखंड रामायण पाठ किया जाएगा।