बराक चाय श्रमिक यूनियन के नेतृत्व में पालोरबंद चाय बागान तथा उसके चार अन्य डिवीजनों के श्रमिकों ने कई सूत्री मांगों को लेकर आज कछार जिला आयुक्त कार्यालय का घेराव किया। बराक चाय युवा कल्याण समिति भी शामिल हुआ। आंदोलन का नेतृत्व लखीपुर के पूर्व विधायक तथा यूनियन के महासचिव राजदीप ग्वाला ने किया। राजदीप ग्वाला ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा कि पालोरबंद चाय बागान में श्रमिकों के साथ अन्याय हो रहा है। श्रमिक समुदाय आज यूनियन में आए और अपनी समस्या उनके साथ साझा की।
श्रमिकों की बात को तवज्जों नहीं दी जा रही जिस वजह से उन्हें भी सामने आना पड़ा। बागान के श्रमिक समुदाय बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। श्रमिकों के हक़ को मारा जा रहा है। बकाए राशि का भुगतान नहीं हुआ है। एरियर बकाया है। चाय बागान प्रबंधन श्रमिकों के बकाए का भुगतान नहीं कर रही है। पीएफ के करोड़ों रूपए जमा नहीं हुए हैं। ग्रेचुटी का भी रूपया बकाया है। राशन समय पर नहीं दिया जा रहा है।
इस तरह से अनेक समस्याएं है, जिसका समाधान श्रमिक समुदाय चाहता है। ग्वाला ने कहा कि श्रमिकों की मांग है कि कछार जिला आयुक्त इस संबंध में ठोस पहल करे। ग्वाला ने बताया कि भारतमाला योजना इस बागान से होकर भी गुजर रहा। एक बड़ा अमाउंट ( मुआवजा ) बागान के पास आने वाला है। श्रमिकों की मांग है, जो अमाउंट आ रहा सबसे पहले उनके बकाए का भुगतान किया जाए।
महत्वपूर्ण बात यह है कि बागान मालिक पक्ष के ऊपर श्रमिकों का तनिक भी भरोसा नहीं है। कई मर्तबा बैठक हुई किंतु श्रमिकों के हाथ निराशा ही लगा है। ग्वाला ने श्रमिकों के प्रति चिंता व्यक्त की और कहा कि पीएफ जमा नहीं हुए तो आगे चलकर एक नै समस्या को जन्म देगी। रिटायरमेंट होने वाले श्रमिकों को पीएफ का लाभ नहीं मिल सकेगा। इस दौरान राजदीप ग्वाला के साथ यूनियन के अन्य पदाधिकारी बाबुल नारायण कानू, खीरोद कर्मकार, दुर्गेश कुर्मी भी मौजूद रहे। इस मौके पर रंजीत साहू भी उपस्थित थे। लगभग एक घंटे तक जिला आयुक्त कार्यालय सामने धरना – प्रदर्शन चला। बाद में कछार में जिला आयुक्त मृदुल यादव को एक ज्ञापन सौंपा गया।
वहीं शाम को यूनियन प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक भी हुई है। ज्ञापन में कई सूत्री मांगों को उठाया गया है। बागान प्रबंधन पक्ष द्वारा लंबे समय से श्रमिकों को राशन से वंचित कर रहे हैं। बागान अधिकारियों ने कर्मचारियों को पीएफ का करोड़ों रुपये नहीं दिया है। इसके चलते मजदूरों ने जिला आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर उचित मुआवजे की मांग की और मालिक समेत बागान प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। इस बीच, सरकार ने भारतमाला योजना के तहत मुआवजे का कुछ हिस्सा बागान प्रबंधन पक्ष को सौंपने की योजना बनाई है। यूनियन नेता ने कहा है कि सरकार को भारतमाला परियोजना के लिए बागान मालिक पक्ष को तब तक मुआवजा देने से बचना चाहिए।
योगेश दुबे