Monday, December 23, 2024

बराक हिंदी साहित्य समिति के समक्ष विधायक कौशिक राय ने रखा अपना सुझाव, कहा, क्या ‘असम हिंदी साहित्य समिति’ नाम हो सकता है ?

  • छोटा मामदा, हिंदी हाई सेकेंडरी स्कूल में होगा अपग्रेड, विद्यार्थी हिंदी माध्यम में पढ़ सकेंगे
  • शहीद मंगल पांडेय की प्रतिमा स्थापित करने हेतु मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने दिया अनुमोदन

बराक हिंदी साहित्य समिति द्वारा आयोजित हिंदी दिवस समारोह को संबोधित करते हुए लखीपुर विधायक कौशिक राय ने समिति के समक्ष एक सुझाव रखा है। उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त में प्रदेश स्तर पर एक हिंदी साहित्य सभा की ज़रूरत है। ऐसे में, ‘बराक हिंदी साहित्य समिति’ को ‘असम हिंदी साहित्य समिति’ के नाम से आगे कर सकते हैं क्या यह विचार रखा। विधायक राय ने स्पष्ट शब्दों में कहा यह उनका सुझाव मात्र है।

हिंदी दिवस को संबोधित करते हुए विधायक कौशिक राय

 

वर्ष 2019 में मुख्यमंत्री जब सर्वानंद सोनोवाल थे, उन्होंने एक प्रयास के तहत राज्य के असम साहित्य सभा सहित अन्य विभिन्न भाषा भाषी के साहित्य सभा को, जो अपने भाषा के उत्थान व प्रचार हेतु काम कर रहे, आर्थिक मदद दी थी। ताकि वे अपने भाषा भाषी के लोगों के कल्याण के लिए काम कर सके। उस समय किसी हिंदी संगठन ने इस लाभ के लिए आवेदन नहीं किया था।

कुछ दिन पहले असम के शिक्षा मंत्री रनोज पगु से बात हुई, पुराना फाइल देखकर मंत्री ने स्पष्ट किया कि किसी हिंदी संगठन ने पर्पज फंड के लिए आवेदन नहीं किया था। विभिन्न भाषा भाषी के साहित्य सभा को अपने लोगों के कल्याण हेतु सालाना फंड आ रहा है। समिति को प्रदेश स्तर पर ले जा सकते है या नहीं सोचना चाहिए। विधायक राय ने कहा, हम लोग हिंदी के विकास और समाज कल्याण के लिए सरकार से धनराशि ले सके।

इस पर विचार करना चाहिए। चूंकि अन्य भाषा भाषी के साहित्य सभा को सालाना धनराशि प्राप्त हो रही है। प्रदेश स्तर पर हिंदी भाषियों के लिए कोई साहित्य समिति नहीं हैं। उन्होंने भी पता किया कि केवल राजभाषा साहित्य समिति है। यह सही है कि 25 वर्ष पहले बराक घाटी में बराक हिंदी साहित्य समिति का गठन हिन्दीभाषी समाज को आगे ले जाने और हिंदी की विकास को ध्यान में रख किया गया था।

राज्य के ब्रह्मपुत्र घाटी में जो लोग निवास करते शायद वे ऐसा नहीं सोचा। बराक घाटी में संस्था है, लेकिन इसे प्रदेश स्तर पर विस्तार कर सकते हैं या नहीं, यह समिति के ऊपर छोड़ते हैं। यदि ऐसा हो सकता है, तो वे हर संभव प्रयास में अपना भी सहयोग के लिए प्रस्तुत हैं। समूचे असम में रहने वाले हिंदीभाषियों को एक दिशा दिखा सकेंगे यह सुझाव है।

लखीपुर के विधायक राय ने कहा कि कछार जिले में हिंदी माध्यम में कोई भी हाई सेकेंडरी स्कूल नहीं है। इसलिए उन्होंने एक प्रयास किया है कि छोटा मामदा हिंदी हाई स्कूल है। इस स्कूल की स्थापना में महावीर जैन सहित कई प्रमुख लोगों का योगदान रहा है। आगामी वर्ष 2025, नए सत्र, से हिंदी माध्यम में छोटा मामदा में हिंदी हाई सेकेंडरी कोर्स शुरू करने जा रहे हैं।

यह कोई प्राइवेट नहीं बल्कि सरकार द्वारा संचालित होगा। राज्य सरकार जैसे विभिन्न स्कूलों को अपग्रेड कर रही, उसी तरह छोटा मामदा स्कूल का भी अपग्रेड कर दिया जाएगा। एमई और हाई स्कूल के बाद जो छात्र हाई सेकेंडरी करना चाहते हैं, वे दाखिला ले सकेंगे। हिंदी माध्यम में पढ़ने का उनका सपना सच होगा।

बराक घाटी में बहुत दिनों से एक मांग चली रही हैं कि घुंघुर बाईपास चौक पर देश के प्रथम स्वाधीनता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अमर शहीद मंगल पांडेय की प्रतिमा स्थापित हो। गर्व की बात है कि राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने अनुमोदन दे दिया है। ‘शहीद मंगल पांडेय मूर्ति स्थापना समिति’ के रूप में एक समिति का भी गठन बहुत पहले हो चुका है। विधायक राय ने कहा, उनका सुझाव है यह प्रयास हो कि आगामी वर्ष अप्रैल महीने में शहीद मंगल पांडेय की पुण्यतिथि पर प्रतिमा स्थापित कर सके। वहीं हिंदी शिक्षकों के मुद्दे पर वह बोले आने वाले दिनों में इसका समाधान हो जाएगा।

योगेश दुबे / Yogesh Dubey

 

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