Friday, December 27, 2024

बराक हिंदी साहित्य समिति ने धूमधाम से मनाया अपना रजत जयंती वर्ष समारोह, हिंदी भवन, सभागार व छात्रावास का उद्घाटन 

प्रदीप प्रज्ज्वलन समय आमंत्रित विशिष्ट अतिथिगण।

बराक हिंदी साहित्य समिति के रजत जयंती वर्ष समारोह मनाने के क्रम में शुक्रवार को हिंदी भवन, सभागार और छात्रावास का उद्घाटन हुआ। लखीपुर के विधायक कौशिक राय, करीमगंज के सांसद कृपानाथ मल्लाह, पूर्व विधायक तथा बराक चाय श्रमिक यूनियन के महासचिव राजदीप ग्वाला, समिति के अध्यक्ष परमेश्वर लाल काबरा, पूर्व अध्यक्ष उदय शंकर गोस्वामी, डॉ. अमित कलवार, मूलचंद वैद की सम्मिलित उपस्थिति में उद्घाटन समारोह संपन्न हुआ। इस अवसर पर महासचिव दुर्गेश कुर्मी, उपाध्यक्ष बाबुल नारायण कानू, समिति के अन्य कई पदाधिकारीगण, कार्यकारिणी सदस्य, आजीवन सदस्य व समिति के तमाम अन्य सदस्यों की उपस्थिति रही, जिसमें कन्हैयालाल सिंगोदिया, अरुण कुमार महतो, प्रमोद जायसवाल, राजेन कुंवर, अनंतलाल कुर्मी, प्रदीप कुर्मी, युगल किशोर त्रिपाठी, अनूप पाटवा, बिंदु सिंह, किरण त्रिपाठी, कमला सोनार, सबिता जायसवाल, लालन प्रसाद ग्वाला, आनंद दुबे, मनोज शाह, पवन राठी, हरीश काबरा, रिंकू काबरा, सीमा गोस्वामी, अपर्णा तिवारी आदि शामिल रहे।

हिंदी भवन के सभागार का उद्घाटन विधायक कौशिक राय ने किया। विदित हो कि सभागार विधायक कौशिक राय के सहयोग से बना है। इसके पूर्व भवन के मुख्य प्रवेश द्वार पर समिति के पूर्व अध्यक्ष उदय शंकर गोस्वामी ने फीता काटकर हिंदी भवन का उद्घाटन किया। जबकि सीढ़ी का उद्घाटन डॉ. अमिति कलवार ने किया। वहीं अन्य दानदाताओं के द्वारा निर्मित छात्रावास के कमरों का भी उन्ही ( दानदाताओं ) के हाथो उद्घाटन हुआ। स्वागत भाषण अध्यक्ष श्री काबरा ने किया। उन्होंने कहा कि काफी प्रतीक्षा के बाद और विभिन्न दानदाताओं के मदद से हिंदी भवन, सभागार और छात्रावास निर्माण पूर्ण हो सका। यह क्षण हम सभी के लिए ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण है। समिति के उपाध्यक्ष बाबुल नारायण कानू ने प्रतिवेदन पाठ किया। उन्होंने समिति के 25 वर्ष सफर, साहित्यिक गतिविधियों, कार्यक्रमों और अन्य जानकारी साझा की। एक पुस्तिका का विमोचन हुआ, जिसमें वर्तमान और पुरानी सभी गठित कार्यकारिणी समिति का उल्लेख है।

मुख्य समारोह को संबोधित करते हुए विधायक कौशिक राय ने कहा कि समिति ने 25 वर्ष का सफर किया। 36 छात्रों के लिए छात्रावास की व्यवस्था भवन में हो पाया है। भवन के विकास में उनकी जहां भी ज़रूरत पड़ेगी हर संभव सहयोग हेतु तत्पर रहेंगे। हम सभी को मिलकर समिति को और कितना बेहतर बना सकते यह प्रयास करना होगा। उन्होंने अपने पुराने सुझाव को दोहराते हुए कहा कि समिति को बृहद आकार देने पर बल दिया जाना चाहिए। समिति का नाम असम हिंदी साहित्य समिति हो सकता है क्या ? इसपर विचार किया जाना चाहिए। पूर्व अध्यक्षों के योगदानों को सराहा, जिनके नेतृत्व में समिति आज यहां तक का सफर तय किया।

सांसद कृपानाथ मल्लाह ने कहा कि समिति बहुत अच्छी सोच के साथ गठन हुआ था। हिन्दीभाषी समाज के बेहतरी और हितों के मद्देनज़र समिति का गठन हुआ था। आज समिति का भव्य भवन भी तैयार हो गया। इस भवन में साल में कई बार मिलेंगे और एक दूसरे से संवाद कर पाएंगे यह बड़ा काम हुआ। बागान के छात्र हिंदी भवन में बने छात्रावास में ठहरकर सिलचर में एक कॉलेज पढ़ सकेंगे। विधायक के सुझाव पर समर्थन करते हुए सांसद ने कहा कि पूरे असम के सभी हिंदीभाषियों को एक मंच पर लाने के लिए संगठन का बड़ा आकर देना होगा। असम हिंदी साहित्य समिति होने से समाज को शक्ति मिलेगी। सरकार के सामने अपनी बात को मज़बूती के साथ रख पाएंगे। गुवाहाटी में भी एक भवन बनाने के सपने को साकार किया जा सकेगा।

राजदीप ग्वाला ने अपने संबोधन में समिति से 25 वर्ष के सफर पर एक संस्मरण निकालने का सुझाव दिया। हिंदी साहित्य, कविता, उल्लेखनीय गतिविधियों की जानकारी, उसके फोटो आदि समाहित होने से एक दस्तावेज उपलब्ध हो सकेगा। बराक हिंदी साहित्य समिति ने विभिन्न कार्यक्रमों के साथ अपना रजत जयंती समारोह धूमधाम से मनाया। 13 नवंबर को वृक्षारोपण एवं सेवा कार्य से आरंभ हुआ और 15 नवंबर को हिंदी भवन के उद्घाटन के साथ समारोह संपन्न हुआ। सांस्कृतिक समारोह का आयोजन भी हुआ। सांस्कृतिक समारोह में नृत्य, गीत की प्रस्तुति ने कार्यक्रम में रंग भर दिया। सांस्कृतिक कार्यक्रम का संचालन आनंद दुबे ने किया।

आजीवन सदस्य राजेन कुंवर ने आमंत्रित अतिथियों और अन्य प्रमुख लोगों के बीच ज्ञानवर्धक पुस्तकों का वितरण किया। गत 14 को दिन में रक्तदान एवं नेत्र जांच परीक्षण शिविर हुआ। 12 लोगों ने रक्तदान दिया। जबकि बड़ी संख्या में में लोगों में अपना नेत्र जांच कराया। उसी दिन सुबह को कलश यात्रा निकली। सिलचर के अन्नपूर्णा मंदिर से कलश यात्रा गाजे बाजे के साथ निकली और हिंदी भवन में आकर समाप्त हुआ। पूजा पाठ व हवन हुआ। धन्यवाद ज्ञापन दुर्गेश कुर्मी ने किया। उन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी के सहयोग के लिए आभार प्रकट किया। मुख्य समारोह का संचालन प्रदीप कुर्मी एवं बिंदु सिंह ने किया। समारोह को सफल बनाने में महिला सदस्यों का अतुलनीय योगदान रहा। बराक घाटी के तीनों से जिलों से लोग समारोह में हिस्सा लिया।

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