Monday, December 23, 2024

मणिपुर हिंसा का प्रभाव असम में नहीं, यहां लोग है एकजुट, पुनः की गई शांति बैठक

Photo

मणिपुर के जिरीबाम जिले में मेतेई – कुकी के बीच जारी हिंसा का प्रभाव असम तक न पहुंचे इस दिशा में लगातार उचित पहल के साथ शांति बैठक की गई है। असम का लखीपुर सह-जिला मणिपुर राज्य से सटा क्षेत्र है। लखीपुर इलाके में मेतेई, कुकी – ह्मार समुदाय निवास करता है। हालांकि अभी तक उनके आपसी संबंध ठीक है। बावजूद जिला प्रशासन अपने स्तर सजग है।

गत कल बुधवार को दूसरी बैठक की गई। लखीपुर सह – जिले के विभिन्न समुदायों, विशेषकर मेतेई और ह्मार, से प्रतिनिधिगण इस बैठक की में शिरकत की। लखीपुर म्युनिसिपल बोर्ड के सभागार में आयोजित बैठक में विधायक कौशिक राय,मणिपुर विकास परिषद रीना सिंह सहित सह – जिला आयुक्त ध्रुबज्योति पाठक और लखीपुर थाना प्रभारी की उपस्थिति में बैठक संपन्न हुई। अन्य राज्य की हिंसा की आंच को असम में पहुँचने नहीं देंगे यह संकल्प लिया गया। विधायक कौशिक राय ने कि लखीपुर का इतिहास दंगामुक्त रहा है।

प्रत्येक समुदाय का एक दूसरे के साथ मधुर संबंध रहा है। शरारती तत्वों द्वारा सोशल मीडिया पर अपलोड किसी भी फेक सूचना को सच मान झांसे में नहीं आना है। आपसी प्रेम सौहार्द को बिगाड़ने वाले कमेंट्स को प्रसारित करने से बचने की हिदायत दी। सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की आपत्तिजनक टिप्पणी या पोस्ट करने वालों के खिलाफ पुलिस प्रशासन से उचित कार्रवाई के अनुरोध किया।

लखीपुर की जिला – आयुक्त ध्रुबज्योति पाठक ने प्रत्येक व्यक्ति को अपने-अपने क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने पर जोर देने को कहा। इस अवसर पर कछाड़ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शीतल कुमार, ,लखीपुर के पुलिस प्रभारी पार्थ प्रतिम दुआरा, लखीपुर पुलिस स्टेशन ओसी मिराज दोले, सेवानिवृत्त एसीएस अधिकारी शांति कुमार सिंह, लखीपुर एसटी बोर्ड के उपाध्यक्ष गोपाल रंगमई, ऑल असम ट्रैवल एसोसिएशन के सदस्य थोमा ह्मार, जयपुर थाना समिति के अध्यक्ष और वकील संजय कुमार ठाकुर, लखीपुर नगर पालिका के अध्यक्ष मृणाल कांति दास, लखीपुर सह- जिले के सहायक आयुक्त लक्ष्यजीत गोगोई और पंखी हजारिका, वीडीपी सलाहकार राजेन ग्वाला सहित अन्य अनेक लोग उपस्थित थे।

चंद्रशेखर ग्वाला

Popular Articles