Friday, January 10, 2025

रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की लोकप्रिय कहानियाँ (मिज़ो अनुवाद) पुस्तक का भव्य लोकार्पण

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वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, नई दिल्ली तथा हिंदी विभाग, मिजोरम विश्वविद्यालय, आइजोल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन समारोह में रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की लोकप्रिय कहानियाँ’ (मिज़ोअनुवाद)नामक पुस्तक का लोकार्पण अतिथियों प्रो. वानललछोना (वित्त अधिकारी, मिजोरम विश्वविद्यालय), प्रो. लललीयान जुआला (अध्यक्ष, मिज़ो भाषाउन्नयन बोर्ड, मिज़ोरम), इंजी. जय सिंह रावत (सहायक निदेशक, वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, भारत सरकार), प्रो. चन्दन कुमार (हिंदी विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय), प्रो. संजय कुमार (अध्यक्ष, हिंदी विभाग, मिजोरम विश्वविद्यालय) एवं प्रो. सुशील कुमार शर्मा (सीनियर प्रोफेसर लेवल-15 तथा संगोष्ठी समन्वयक, हिंदी विभाग, मिजोरम विश्वविद्यालय) के कर-कमलों द्वारा गत 12 नवम्बर, 2024को किया गया।

रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की लोकप्रिय कहानियाँ (मिज़ो अनुवाद) पुस्तक का संपादन प्रो. सुशील कुमार शर्मा (वरिष्ठ आचार्य, हिंदी विभाग, मिजोरम विश्वविद्या धी विश्वविद्यालय, ईटानगर) द्वारा किया गया है। इस कहानी संग्रह कामिज़ो अनुवाद शोध छात्रामेरी आर. ललरिनमुआनपुई द्वारा किया गया। यह पुस्तक अनंग प्रकाशन, दिल्ली  के सौजन्य से प्रकाशित है। रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की लोकप्रिय कहानियों का चयन बहुत ही सावधानी पूर्वक किया गया है।

रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की ये कहानियाँ उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्र के मध्यम एवं निम्न मध्यम वर्गीय परिवारों की कथा कहती हैं,जो अपने जीवन में निरंतर संघर्ष का सामना कर रहे हैं। रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की लोकप्रिय कहानियों का मिज़ोभाषा में अनुवाद होने के कारण पता चलता है कि एक ही देश के सुदूर में स्थित पहाड़ी क्षेत्र के लोगों का जन-जीवन कितना एक-सा है, उनके सुखों एवं दुखों में कितना ऐक्य है। भारत देश के दोनों पहाड़ी क्षेत्रों के लोग बहुत करीब आ गए हैं।

यह पुस्तक पूर्वोत्तर भारत के मिज़ोभाषा-भाषी विद्यार्थियों, शोधार्थियों एवं सामान्य अध्येयताओं के लिए उत्तर भारत के जन-जीवन को जानने के नए रास्ते बनायेगी। सभी अतिथियों ने भाषा,साहित्य एवं संस्कृति के प्रचार-प्रसार हेतु इस अनुवादित कृति के महत्व को उदघाटित किया तथा भविष्य में ऐसी पुस्तकों के लेखन हेतु आमजन को प्रेरित भी किया। इस  अवसर पर शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

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