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असम के मंत्री कौशिक राय गुरुवार को अपने विधानसभा क्षेत्र में लखीपुर बंगाली डेवलपमेंट एसोसिएशन के संचालन में आयोजित नेताजी की जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिए। अपने वक्तव्य में मंत्री राय ने कहा कि वर्ष 2026 से पहले लखीपुर में नेताजी की सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित कर दी जायेंगी। देश में पिछले गत चार वर्षों से 23 जनवरी को नेताजी के जन्मदिन को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।
नेताजी के जीवन गाथा भारत की महानता को प्रदर्शित करता है। आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा के स्वरूप हैं। सच्चे देशभक्त नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आदर्श, उनके जीवन मूल्य और उनके द्वारा दिखाया गया मार्ग प्रासंगिक हैं। लाखों युवक-युवतियां नेताजी के जीवन से प्रेरणा लेकर समाज में काम कर रहे हैं। नेताजी ने ब्रिटिश सरकार की गुलामी स्वीकार नहीं किया। नेताजी के जीवन पर उन्होंने प्रकाश डाला।
नवगठित लखीपुर बंगाली विकास संगठन ने आधिकारिक तौर पर उनकी जयंती को लेकर पहल शुरू की है। केवल लखीपुर क्षेत्र में ही नहीं बल्कि सभी जिलों में बंगाली विकास संगठन है। मंत्री राय ने भविष्य में क्षेत्र के अलावा सभी जिलों में जाति एवं भाषा समुदाय के लोगों के साथ मिलकर संगठन को आगे बढ़ाने का आह्वान किया। इसके अलावा, असम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विश्वतोष चौधरी ने भी वक्तव्य रखा।
नेहरू कॉलेज के प्रिंसिपल शुभजीत चक्रवर्ती, जोगई मथुरा हायर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल शिल्पाजीत पाल, लखीपुर नगर पालिका के अध्यक्ष मृणाल कांति दास, बंगाली विकास निगम के अध्यक्ष प्रीतम देबरॉय, उपाध्यक्ष पिंटू लाल रॉय, संपादक अशोक रॉय, देबाशीष राय आदि की उपस्थिति रही। इसके पूर्व सुबह नेताजी के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। पुष्पांजलि व सलामी दी गई। क्षेत्र में एक प्रभात फेरी भी निकली। मंत्री राय और अन्य आमंत्रित अतिथियों व विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों की भागीदारी रही।
चंद्रशेखर ग्वाला