वनबंधु परिषद, एकल विद्यालय महिला समिति, सिलचर चेप्टर द्वारा दिवाली मेले का आयोजन किया गया। मेले में कुल 25 स्टॉल लगे। सभी स्टॉल स्थानीय महिलाओं के थे। लजीज व्यंजनों के भी स्टॉल लगे। लोग एक छत के नीचे खरीदारी के साथ स्वादिष्ट व्यंजनों का भी स्वाद चखा।
एक दिवसीय मेले में मेले में एकल अभियान द्वारा ग्रामीणों में जनजातीय महिलाओं द्वारा बनाई हल्दी, दीपक, रागी पापड़ आदि का भी प्रदर्शन किया गया। मेले में विभिन्न तरीकों के डिजाइनर परिधान, ज्वेलरी, आर्ट-क्राफ़्ट वर्क, आगामी दिवाली के त्यौहार को देखते हुए होम डेकोर, रंग बिरंगी दीपक आदि का भव्य प्रदर्शनी सह बिक्री किया गया है।
एकल विद्यालय महिला समिति, सिलचर चेप्टर की अध्यक्ष श्रीमती नीरू शर्मा, सचिव श्रीमती पूजा सारदा और कोषाध्यक्ष शेफाली खंडेलवाल सहित अन्य कार्यकारिणी सदस्याएं उपस्थित रहकर मेले को सफल बनाया। खरीदारी के लिए महिलाओं की भीड़ उमड़ी। मेले में दरवाल, लाइट, चादर, साड़ी,कुर्ती पूजन सामग्री व खाद्य सामग्री सहित अन्य सामान स्टॉल में उपलबध थे।
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दिवाली त्योहार से संबंधित प्रायः सभी सामान स्टॉल में उपलब्ध रहे, मेले में पहुंचे लोगों, विशेषकर महिलाओं, ने जमकर खरीदारी की। उपरोक्त समिति की अध्यक्ष श्रीमती नीरू शर्मा ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा कि पिछले सात – आठ वर्षों से दिवाली पर्व से पूर्व मेले का आयोजन होता आ रहा हैं। एफटीएस, एकल विद्यालय महिला समिति, सिलचर चेप्टर इस आयोजन का नेतृत्व के साथ – साथ यह प्रयास रहता है कि उनके मुख्य उद्देश्य के लिए सुनिश्चित लक्ष्य तय करना भी है।
मेले के आयोजन मुख्य उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। श्रीमती शर्मा ने बताया कि इस मेले के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराना और महिलाओं के स्वावलंबन बनाने में मदद मिलती है। बराक घाटी के ग्रामीण क्षेत्रों में हल्दी की खेती होती है। हल्दी जो बनती है, स्टॉल में बिक्री के लिए उपलब्ध रहता है। देश में एकल विद्यालय में लगभग 22 लाख गरीब व जनजातीय बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। मेले से अर्जित धनराशि उन बच्चों के पढ़ाई पर खर्च किया जाता है।
Yogesh Dubey