बच्चों द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों की प्रस्तुति, उनकी उत्सुकता और प्रतिभा देखने योग्य थी
वनबंधु परिषद, सिलचर चैप्टर के तत्वावधान में वनयात्रा का आयोजन किया गया। कछार जिले के हाथीचेरा चाय बागान में मुरलीधर ग्राम के एकल अभियान अंतर्गत चल रहे विद्यालय के छात्रों को लेकर वनयात्रा का आयोजन संपन्न हुआ। वनबंधु परिषद, महिला समिति इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग किया।
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण परिवेश, वहां की शिक्षा व्यवस्था और सांस्कृतिक धरोहर को नजदीक से जानना था। वनबंधु परिषद, ग्रामीण इलाकों में रहने वाले आदिवासी और जनजातीय समुदायों के लिए साक्षरता और स्वास्थ्य सेवाओं का आयोजन के साथ वन यात्राओं का आयोजन करती है। इन यात्राओं का मकसद, ग्रामीण इलाकों के बारे में जानकारी हासिल करना होता है। अपितु यही नहीं वनवासियों को साक्षर और संस्कारित बनाकर राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़ने का काम वनबंधु परिषद द्वारा किया जा रहा है।
हाथीचेरा चाय में आयोजित वनयात्रा कार्यक्रम में वनबंधु परिषद, सिलचर चैप्टर और महिला समिति के पदाधिकारी एवं सदस्यों की उपस्थिति रही। मुरलीधर ग्राम के एकल विद्यालय के छात्र – छात्राओं के बीच विभिन्न कार्यक्रम किए गए। विद्यालय के शिक्षक – शिक्षिका की उपस्थिति में छात्रों की प्रतिभा निखर कर सामने आया। छात्रों ने गीत, नृत्य, श्लोक, कहानी, दोहे आदि प्रस्तुति दी।
मौजूद सभी ने तालियां बजाकर छात्रों का मनोबल बढ़ाया। बच्चों द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों की प्रस्तुति, उनकी उत्सुकता और प्रतिभा देखने योग्य थी। संसाधनों की कमी के बावजूद बच्चों के हौसले और कौशल ने समिति के सदस्यों को गहराई से प्रभावित किया। वनबंधु परिषद्, सिलचर चैप्टर के संरक्षक ईश्वर भाई उभाड़िया ने बताया कि एफटीएस वनवासी बच्चो को लेकर भारतीय हिंदू सनातनी संस्कार देने का काम करती है। एक बच्चे को प्रारंभिक शिक्षा देने का काम किया जाता है। वनवासी बच्चों की प्रतिभा उनके उज्जवल भविष्य के लिये सहायक कैसे बने इस दिशा में पहल की जाती है।
भारतीय कला – संस्कृति की जानकारी प्रदान करने के साथ देश प्रेम की भावना बढ़े उसके लिए प्रेरित किया जाता है। उन्होंने दावे के साथ कहा, एकल विद्यालय से पढ़ा हुआ बच्चा सच्चा देश भक्त निकलता है। हाथीचेरा वनयात्रा के दौरान वनभोजन के अलावा बच्चों द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों को देखा गया। सभी वनवासी बच्चों के भोजन किया गया। वनबंधु परिषद के साथ और अधिक लोगों को जोड़ने को लेकर बल दिया गया। भारत में एक लाख केंद्र उनके चल रहे। एक करोड़ का लक्ष्य है, जबकि सिलचर चैप्टर के अंतर्गत 1850 विद्यालय चल रहे हैं।
प्टर के पूर्व अध्यक्ष हनुमान जैन, राजेंद्र अग्रवाल,सुंदरी पटवा, हेमलता सिंगोदिया, दिलीप विनायका, प्रवीण जैन सहित अन्य सदस्यों में कन्हैयालाल सिंगोदिया, प्रमोद शर्मा, अरुण महतो, राजेंद्र जिंदल, राजन कुंवर, केतन सिंगोदिया, युगल त्रिपाठी, प्रमोद जायसवाल, ललित बोथरा, हरीश काबरा, विवेक जैन, अजय जैन, संजीव शर्मा, अभिषेक खंडेलवाल, योगेश दुबे, एफटीएस, महिला समिति श्रीमती बिमला जैन, निर्मला खंडेलवाल, श्रीमती नीरू शर्मा, राजेश्वरी शर्मा, शेफाली खंडेलवाल, आशा जिंदल, बबीता अग्रवाल, प्रतिभा जैन, बबीता जैन, मधु उभाड़िया, दीपिका सिंगोदिया, सीमा खंडेलवाल, मानस्वी दुबे, ज्ञानस्वी दुबे, पूर्णकालीन कार्यकर्ताओं में बाबुल नुनिया, राजू कुर्मी, निकिता आदि की उपस्थिति रही।
योगेश दुबे