Monday, May 19, 2025

सिलचर कांग्रेस की सभा में जमकर हंगामा, धक्का – मुक्की, काटिगोरा विधायक खिलाफ पार्टी कार्यकर्ताओं ने लगाए गंभीर आरोप 

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सिलचर कांग्रेस की सभा में जमकर हंगामा हुआ, धक्का – मुक्की भी हुई। बृहस्पतिवार को राजीव भवन में पंचायत चुनाव में विजयी उम्मीदवारों के सम्मान हेतु एक सभा का आयोजन किया गया था। पार्टी के काटिगोरा के विधायक खलील उद्दीन मजूमदार जब वक्तव्य रखने प्रस्तुत हुए, तो भीड़ में बैठे कुछ लोग विरोध करने लगे। एक कार्यकर्त्ता मंच तक पहुंच गया और डायस पर हथेली से पीटने लगा।

हालांकि कांग्रेस के अध्यक्ष अभिजीत पाल, विधायक मिस्बाहुल इस्लाम लस्कर, पूर्व विधायक अमीनुल हक़ लस्कर, मौलाना अताउर रहमान मझारभुइया समेत पार्टी के वरिष्ठ नेता सुजन दत्ता, संजीव राय आदि लोगों ने बीच – बिचाव कर समझा बुझाकर मामले को शांत किया। पंचायत चुनाव में विजयी जिला परिषद सदस्यों और आंचलिक पंचायत सदस्यों के संबर्धना के लिए पार्टी ने सभा का आयोजन किया था।

एक – एक कर लोग पार्टी की मज़बूती पर जोर देते हुए अपना वक्तव्य रख रहे थे। विधायक खलील उद्दीन मजूमदार को भाषण देने के लिए जब आमंत्रित किया गया तब स्थिति बिगड़ गई। शोर शराबा होने लगा। कार्यकर्ताओं के एक वर्ग ने शिकायत की कि उन्होंने ( विधायक ) पार्टी उम्मीदवारों के खिलाफ काम किया है और कहा गया कि सभी को टिकट देना संभव नहीं है। जैसे ही खलील ने अपना भाषण देना शुरू किया, दर्शकों में मौजूद उनके अपने विधानसभा क्षेत्र काटिगोरा के नेताओं और कार्यकर्ताओं का एक समूह खड़ा हो गया और विरोध करने लगा।

इनमें काटिगोरा ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष हुसैन अहमद चौधरी भी शामिल थे। टिकट आवंटन में राशि लेने जैसे गंभीर आरोप लगाए जा रहे थे। कुछ लोग मंच पर चढ़ गए और उंगलिया दिखाते हुए ऊंची आवाज में ये शिकायतें करने लगे। खलील की ओर बढ़े। हालांकि मंच पर मौजूद अन्य नेताओं ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन वे पहले ही वहां पहुंच चुके थे। कुछ लोग खलील के सामने मंच पर हाथ पीटते देखे गए। धक्का-मुक्की जारी रही।

थोड़ी देर बाद स्थिति नियंत्रण में आ गई। भले ही स्थिति नियंत्रण में हो खलील आगे कुछ बोलने में असमर्थ थे। इसके बाद जिला अध्यक्ष अभिजीत के भाषण के बाद बैठक समाप्त हो गई। उन्होंने कहा कि अगर किसी को कोई शिकायत है तो वे पार्टी की आंतरिक बैठक में अपनी बात रखें। इस तरह की सार्वजनिक बैठक में इन मुद्दों को उठाना बिल्कुल भी उचित नहीं है। विवाद का मूल कारण पंचायत चुनाव में टिकटों के आवंटन था।

विधायक खलील उद्दीन मजूमदार को पार्टी कार्यकर्ताओं के गुस्से का सामना करना पड़ा। उल्लेखनीय है कि सभा में एक के बाद एक वक्ता 2026 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को हराने के लक्ष्य के साथ एकता का संदेश दे रहे थे, पार्टी कार्यकर्ता इसका जोरदार समर्थन कर रहे थे। पंचायत चुनाव में आशा से से बेहतर प्रदर्शन का भी जिक्र किया गया। इतना ही नहीं, दोहरे “बी-फॉर्म” घोटालों के बाद, उन्होंने भुवनेश्वरनगर-श्रीकोना जिला परिषद सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की। इस सीट से जीती फरीदा परवीन लस्कर का स्वागत का पार्टी ने स्वागत किया गया।

इस दौरान पार्टी विधायक मिस्बाहुल इस्लाम लस्कर ने पंचायत चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए। लस्कर ने कहा कि उन्हें पहले से ही संदेह था कि “मतपेटी” बदली जा सकती है। इसलिए, पार्टी कार्यकर्ताओं के एक वर्ग ने मामले की पुष्टि करने के लिए मतदान करते समय कुछ स्थानों पर मतपेटी में 10-20 रुपये के नोट डाल दिए थे। लेकिन गिनती के दौरान पता चला कि उन बक्सों में नोट नहीं थे। इससे यह साबित होता है कि मतदान के बाद बॉक्स बदल दिया गया था।

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