Saturday, April 12, 2025

सिलचर : तारापुर शिवबाड़ी में एलिवेटेड रोड बनने की आशा की किरण जगी, लोड टेस्ट आशाजनक 

कठिन चुनौतियों का सामना कर रहा पीडब्ल्यूडी (रोड) विभाग और ठेकेदार 

सिलचर शहर में तारापुर शिवबाड़ी के एलिवेटेड रोड निर्माण को लेकर हर किसी के मन में एक ही सवाल है यह बन पाएगा या नहीं अथवा एलिवेटेड रोड के निर्माण के संबंध वास्तविक सच्चाई क्या है ? पिछले साल से ही यहां एलिवेटेड रोड निर्माण हेतु काम चल रहा है। इस परियोजना को पूरा करने में अनेक जटिल चुनौतियां है। फिलहाल इस रोड को लेकर पॉजिटिव खबर है। निर्माण की प्रक्रिया में अब आशा की किरण जगी है।

एलिवेटेड रोड निर्माण में लगी कंपनी और पीडब्ल्यूडी विभाग के अभियंता के मुताबिक गुजरात की एक कंपनी लोड टेस्ट में एक बड़ी आशा की किरण जगी है। आगे भी सब कुछ सही रहा, तो एलिवेटेड रोड बनने का सपना साकार सार्थक हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि गुजरात की प्रतिष्ठित कंपनी नियो टेककॉन सर्विसेज एलएलपी ने शिवबाड़ी में लोड टेस्ट किया। पाइल लोड टेस्ट में 112 होना चाहिए लेकिन उससे अधिक 148 आया है।

रोड वहन क्षमता पॉजिटिव आया है। यह एक अच्छी खबर है। तारापुर शिवबाड़ी एलिवेटेड बनने की उम्मीदों की संभावनाएं बढ़ गई है। हालांकि कुछ और अध्याय होना बाकी है। 42 मीटर की गहराई तक पाइल लगाने और संतोषजनक मात्रा में रेत प्राप्त करने के बाद, लोड टेस्ट” ने भी आशाजनक परिणाम दिखाए हैं। कुल मिलाकर लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ ठेकेदार संगठन को भी पूरी उम्मीद है कि यह परियोजना साकार होगी। बराक नदी से सटे शिवबाड़ी में 210 मीटर लंबा एलिवेटेड रोड के निर्माण के लिए तैयार ड्राइंग में 630 पाइल शामिल हैं।

काम शुरू करने के बाद, चित्र के अनुसार शुरुआत में 32 मीटर की गहराई तक पांच पाइल खोदे गए, लेकिन उनमें से किसी में भी रेत नहीं मिली, जिससे कार्य की देखरेख कर रहे लोक निर्माण (सड़क) विभाग के अधिकारी चिंतित हो गए। 32 मीटर की गहराई तक पाइल लगाने के बाद भी रेत की जगह केवल कीचड़ और नरम मिट्टी ही उभरने लगी। इसलिए, नरम मिट्टी पर आधारित बुनियादी ढांचे का निर्माण करना संभव नहीं था। यदि इसे बनाया गया तो वाहनों के दबाव से पूरी एलिवेटेड सड़क ध्वस्त हो जाएगी। इस स्थिति में, नई सोच शुरू होती है।

विभागीय अधिकारी के निर्देशन में 42 मीटर की गहराई तक पाइलिंग का कार्य किया गया। इसके अतिरिक्त, पाइलिंग का व्यास पहले निर्धारित 400 एमएम से बढ़ाकर 600 एमएम कर दिया गया है। लोक निर्माण (सड़क) विभाग के सिलचर-उधारबंद प्रादेशिक सड़क डिवीजन के कार्यकारी आर्किटेक्ट अनिरुद्ध नाग ने कहा कि जहां पहले 32 मीटर तक पाइल लगाने के बाद केवल नरम मिट्टी मिलती थी, वहीं इस बार 42 मीटर तक पाइल लगाने के बाद लगभग 60 प्रतिशत रेत मिली।

पाइलिंग के मामले में गहराई बढ़ाने के अलावा व्यास भी पहले की तुलना में 400 से बढ़ाकर 600 एमएम कर दिया गया है। मंगलवार को 600 एमएम व्यास के ढेर पर 42 मीटर की गहराई तक “लोड टेस्ट” किया गया। गुजरात की कंपनी “नियो टेककॉन सर्विसेज एलएलपी के विशेषज्ञों को “लोड टेस्ट” के लिए बुलाया गया था। “लोड टेस्ट” के बाद कंपनी के एक अधिकारी निखिल परमार ने बताया कि इस तरह की एलिवेटेड रोड के लिए “पाइल” की वहन क्षमता 112 मीट्रिक टन हो, तभी उसे पर्याप्त माना जाता है।

“लोड टेस्ट” के दौरान, “पाइल ड्राइविंग एनालाइजर” मशीन ने दिखाया कि “पाइल” की वहन क्षमता सबसे अधिक थी। 148 मीट्रिक टन. अतः यह माना जा सकता है कि यह पाइल इसका उपयुक्त निर्दिष्ट मानदंड है। इस बीच लोक निर्माण (सड़क) विभाग के सहायक अभियंता जॉयबल थावसेन ने भी कहा कि लोड टेस्ट के नतीजे सकारात्मक प्रतीत होते हैं। हालांकि, जब तक “नियो टेककॉन सर्विसेज प्राधिकरण को लिखित रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करता, तब तक वह आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कह सकते।

इस रिपोर्ट को प्रस्तुत करने में 3-4 दिन लगने की उम्मीद है। कार्यकारी आर्किटेक्ट अनिरुद्ध नाग ने बताया कि अगर सब कुछ उम्मीद के मुताबिक रहा तो एलिवेटेड रोड 600 एमएम व्यास और 42 मीटर लंबे “पाइल्स” के आधार पर बनाया जाएगा। हालांकि, इसके लिए पिछले डिजाइन में कुछ बदलाव करने होंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि एलिवेटेड रोड को वास्तविकता बनाने में ज्यादा देर नहीं होगी।

मालूम हो कि तारापुर शिवबाड़ी रोड कम समय में कलाइन पहुंचाता है। बड़खोला विधानसभा के एक बड़े हिस्सों की लाइफ लाइन है। सड़क जनता के लिए महत्वपूर्ण है। शिवबाड़ी एलिवेटेड रोड जल्द बन जाए लोग यही आशा लगाए बैठे हैं।

योगेश दुबे

Popular Articles