शुक्रवार को एक औपचारिक समारोह में वूमेंस कॉलेज की गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष बुद्धदेव चौधरी ने नये सेमिनार हॉल का उद्घाटन किया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता असम विश्वविद्यालय के सांख्यिकी विभाग की प्रमुख प्रोफेसर दिव्य ज्योति भट्टाचार्य, उक्त कॉलेज की कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. देबाश्री दत्ता, आईक्यूएसी समन्वयक प्रोफेसर डॉ. शांतनु दास थे।
कार्यक्रम की शुरुआत में इस सेमिनार हॉल की आवश्यकता के बारे में प्रारंभिक विचार के बारे में बात करते हुए प्राचार्य डॉ. दत्ता ने कहा कि 2011 में राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद यानी एनएएसी (NAAC) प्रतिनिधिमंडल ने कॉलेज में एक सेमिनार हॉल की आवश्यकता पर जोर दिया था।
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कॉलेज की शैक्षणिक गतिविधियों के लिए एक सेमिनार हॉल की भी आवश्यकता महसूस की जा रही थी। लेकिन लंबे समय तक आर्थिक सहयोग न मिलने के कारण निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका। जब यह मामला वर्तमान गवर्निंग बॉडी के समक्ष उठाया गया तो बुद्धदेव चौधरी के नेतृत्व में प्रबंधन समिति ने निर्णय लिया कि कॉलेज फंड से सेमिनार हॉल का निर्माण कराया जायेगा और अध्यक्ष की पहल पर अल्प समय में ही हॉल का निर्माण पूरा कर लिया गया।
नवनिर्मित हॉल को कॉलेज की संपत्ति माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस सेमिनार हॉल का उद्घाटन देखकर उन्हें बहुत खुशी हुई। अपने भाषण में कॉलेज मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष बुद्धदेव चौधरी ने कहा कि सभी लोग बहुत ही सीमित संसाधनों में कॉलेज की सभी आवश्यकताओं को पूरा करने के प्रयास में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सेमिनार कॉलेज के बुनियादी ढांचे के विकास में एक मजबूत योगदान है।
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कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रोफेसर दिव्य ज्योति भट्टाचार्य ने अपने भाषण में इस सेमिनार हॉल के तकनीकी पहलुओं पर प्रकाश डाला और कहा कि आज शिक्षा क्षेत्र में प्रौद्योगिकी की आवश्यकता बहुत अधिक है। ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि इस सेमिनार हॉल में कॉलेज की शिक्षा और शोध अभ्यास का आयोजन काफी सहज सरल होगा।
ज्ञातव्य है कि शोध के क्षेत्र में सभी आवश्यकताओं एवं सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सेमिनार हॉल को आधुनिक तकनीक के प्रोजेक्टर, वातानुकूलित वातावरण के साथ एलईडी डिस्प्ले स्क्रीन से सुसज्जित किया गया है। कार्यक्रम को कॉलेज के आईक्यूएसी समन्वयक डॉ. शांतनु दास ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षा विभाग की प्रोफेसर डॉ. सुदेशना नाथ ने की और कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन किया।