- नहीं टूट रही शिक्षा विभाग की कुंभकर्णी निद्रा
- उधारबंद विधानसभा क्षेत्र के जापिरबंद असमिया सरकारी निम्न बुनियादी विद्यालय ( एलपी स्कूल ) की है कहानी
- अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित
विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते शिक्षा व्यवस्था बदहाल स्थिति में है। कछार जिले में एक स्कूल शिक्षक विहीन हैं, यानि एक भी शिक्षक नहीं है। बच्चों के भविष्य से बड़ा खिलवाड़ हो रहा है। उधारबंद विधानसभा क्षेत्र के जापिरबंद असमिया सरकारी निम्न बुनियादी विद्यालय (एलपी स्कूल) की कहानी है।
गांव वासियों ने मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा और शिक्षा मंत्री से की शिक्षक नियुक्ति की मांग
विगत 21 दिनों से उक्त स्कूल में कोई शिक्षक आया ही नहीं है। इसके चलते गांव के सैकड़ों बच्चों का भविष्य अंधकारमय है। ज्ञातव्य हो कि स्कूल में लगभग 105 छात्र दर्ज हैं, लेकिन शिक्षक एक भी नहीं है। अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित है, लेकिन शिक्षा विभाग कुंभकर्णी निद्रा में है।
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नतीजतन अभिभावकों में रोष व्याप्त है। उल्लेखनीय है कि स्कूल के बच्चे प्रति रोज समय पर आते हैं, अपने मन से थोड़ा बहुत पढ़ते है। खेलकूद के बाद घर चले जाते हैं। विगत 21 दिनों से, छुट्टी दिन छोड़कर, ऐसा ही सिलसिला चल रहा। अभिभावकों के साथ हुई बातचीत में मालूम पड़ा, पहले तीन शिक्षक थे, लेकिन उनका तबादला हो गया।
उनके जगह नए शिक्षकों को भेजा जाना चाहिए था, लेकिन जापिरबंद असमिया सरकारी निम्न बुनियादी विद्यालय (एलपी स्कूल) का या फिर यहां पढ़ने वाले बच्चों का दुर्भाग्य कहें, लगभग 21 दिनों से कोई शिक्षक आया नहीं। गत दो दिन पहले कछार जिला उपायुक्त मुख्यालय में एक पत्रकार ने नए डीसी मृदुल यादव के समक्ष इस संबंध में जानकारी दी थी। कहा गया था, इस विषय को संज्ञान में लिया जाएगा, बावजूद संबंधित विभाग द्वारा आज सोमवार को भी कोई पहल होता दिखाई नहीं दिया।
जापिरबंद के स्थानीय निवासी तथा पूर्व सैनिक गोमेंद्र राजवंशी ने दुखी मन से कहा कि बच्चों के साथ यह कैसा मज़ाक है, शिक्षा विभाग की लापरवाही बताते हुए राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा और शिक्षा डॉ. रनोज पेगू से उचित कदम उठाने की मांग की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में एक भी शिक्षक नहीं है।
इसके पहले जो शिक्षक पढ़ा रहे थे उनका स्थानांतरण हुआ है। नियम अनुसार किसी शिक्षक का स्थानांतरण किया जा रहा, तो उसके जगह अन्य शिक्षक की नियुक्ति होना चाहिए। किन्तु 23 सितंबर 2024, दिन सोमवार तक स्कूल शिक्षक विहीन रहा। स्कूल के बच्चे आज भी अपने समय पर पहुंचे और स्वयं मन से पढ़े, खेलकूद की और घर वापस हो गए।
शिक्षा विभाग द्वारा इस स्कूल के लिए किसी शिक्षक की नियुक्ति हुई है या नहीं अभी तक आधिकारिक जानकारी नहीं है। संबंधित विभाग से संपर्क करने का प्रयास जारी है। असम में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के तमाम दावे किए जा रहे हैं। सूबे के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा से लेकर शिक्षा मंत्री डॉ. रनोज पेगू तक शिक्षा व्यवस्था में ढांचागत विकास होने की बात कहते आ रहे है।
योगेश दुबे/ Yogesh Dubey