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लखीपुर क्षेत्र के ह्मारकुलीन इलाके के एक स्कूल में गुणोत्सव आयोजित किया गया है, लेकिन यह स्कूल पूरे वर्ष बंद रहता है। सरकार भले ही शिक्षा के विकास का ढोल पीटती रही हो, परंतु इस विद्यालय पर सरकार और लखीपुर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी का ध्यान नहीं है। क्षेत्र नं एक स्कूल है जिसने ऐसी मिसाल कायम की है,लखीपुर विधानसभा के लखीपुर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के अधीन है। विद्यालय में तीन शिक्षक हैं।
अध्यापक विद्यालय में पढ़ाये बिना सरकारी वेतन गिन रहे हैं। इस स्कूल का नाम म्हार्कुलीन ह्मार एमवी स्कूल है। किसके सहारे एक सरकारी स्कूल लंबे समय से चल रहा है। इसके पीछे क्या रहस्य है? इस विषय पर इलाके के लोगों ने क्षेत्र के विधायक और राज्य के मंत्री कौशिक राय, शिक्षा मंत्री डॉ. रनोज पेगु का ध्यान आकर्षित किया। गौरतलब है कि कछाड़ जिलों में 78 ह्मार मीडियम स्कूल हैं। इन 78 स्कूलों में से सबसे ज्यादा स्कूल लखीपुर विधानसभा क्षेत्र में हैं।
विधानसभा में दो एमवी स्कूल भी हैं। यह दो एमवी स्कूलों में से एक है ह्मारकुलीन ह्मार एमवी स्कूल। उक्त स्कूल पहले मार्कुलिन खेल के मैदान के पास एक ही परिसर में 438 फुलेरतल म्हार एल पी स्कूल और ह्मारकुलीन म्हार एमवी स्कूल थे। उस समय विद्यालय भवन संख्या 438 के निर्माण के लिए जमीन की आवश्यकता थी,परिणामस्वरूप इस स्कूल को दूसरे स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया। उसी समय तेज आंधी के कारण विद्यालय का भवन टूट गया।
बाद में, स्थानीय ग्राम परिषद के प्रबंधन के तहत ह्मारकुलीन में एक किराए के मकान में एक स्कूल का संचालित हुआ। लेकिन स्कूल बारह महीने तक बंद रहा। स्कूल में वर्तमान में सरकारी रजिस्टर में तीन शिक्षक और 35 छात्र हैं। मध्याह्न भोजन की सामग्री आने वाले विद्यार्थियों के अनुरूप होती है। लेकिन यह कहां जा रहा है? स्थानीय लोगों ने बताया कि इस स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों में छात्राएं अधिक हैं। लोगों के अनुसार इस स्कूल के अधिकतर छात्र बराक उजान के रहने वाले हैं।
छात्र इन स्कूलों में दाखिला लेकर अपने-अपने क्षेत्र में अपनी पढ़ाई जारी रखते हैं। विद्यालय के पास कोई स्थायी भूमि नहीं है। हालाँकि आज आंधी से क्षतिग्रस्त से कुछ वर्ष बीत चुके है। वर्षों बाद भी लखीपुर शिक्षा संभाग सरकारी स्कूल के लिए जमीन की व्यवस्था नहीं कर सका। लोगों को कभी उम्मीद नहीं थी कि कोई सरकारी स्कूल इस तरह से चलेगा।अगर स्कूल बारह महीने बंद रहे तो क्या होगा, इस बार इस स्कूल में 33 विद्यार्थियों ने गुणोत्सव में भाग लिया।
स्कूल को केवल एक दिन के लिए खुला रखा गया था। लखीपुर शिक्षा खंड के अधिकारी को नहीं मालूम कि लखीपुर शिक्षा खंड कार्यालय से महज पांच किलोमीटर की दूरी पर यह विद्यालय इस हालत में चल रहा है। स्थानीय लोगों ने राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा, शिक्षा मंत्री डॉ. रनोज पेगु से इस स्कूल के मिड-डे मील समेत सभी विषयों पर जांच कराकर उचित कार्रवाई करने की मांग किया है।
चंद्रशेखर ग्वाला