संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए नवगठित ‘सनातनी ऐक्य मंच’ के पदाधिकारीगण
- बांग्लादेशी उत्पादों का बहिष्कार करने का भी ऐलान
- बांग्लादेश में हिन्दुओं के लिए पृथक लैंड की मांग
बांग्लादेश में हिंदुओं पर बढ़ते अत्याचार और पुंडरीक धाम के प्रमुख महंत चिन्मय कृष्ण दास के गिरफ़्तारी के खिलाफ नवगठित ‘सनातनी ऐक्य मंच’ ने आगामी एक दिसंबर को ‘बांग्लादेश चलो’ आंदोलन करने की घोषणा है।
मंच के अध्यक्ष शांतनु नायक ने मीडिया को संबोधित करते हुए इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश के मौजूदा हालात और वहाँ के अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर बढ़ते अत्याचार पर दक्षिण असम प्रांत को लेकर एक बैठक हुई और ‘सनातनी ऐक्य मंच’ के रूप में एक नए संगठन का उदय हुआ।
नायक ने जानकारी देते हुए कहा कि मंच के बैनर तले पहली दिसंबर को श्रीभूमि जिले से सटे भारत – बांग्लादेश सीमा सुतरकांदी में एकत्रित होंगे। ‘बांग्लादेश चलो’ आंदोलन के तहत वे अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर जुटेंगे। एक लाख भीड़ जुटाने का लक्ष्य रखा गया। भारत – बांग्लादेश के बीच जारी व्यापार का भी विरोध किया जाएगा। इस दौरान देश के प्रधानमंत्री, भारत में बांग्लादेश के राजदूत, असम के राज्यपाल सहित संयुक्त राष्ट्र संघ के नाम ज्ञापन भेजा जाएगा। बांग्लादेश को सीधे – सीधे सन्देश देने का प्रयास करेंगे कि हिंदुओं के बढ़ते अत्याचार रुके वरन भारत मौन नहीं रहने वाला।
मंच के नेता नायक ने कहा जो पड़ोसी राष्ट्र भूल गया है कि बांग्लादेश को स्वाधीन करने में भारत ने भूमिका निभाई है। बांग्लादेश का मौजूदा सरकार कट्टर पंथियों का कठपुतली बन हिन्दुओं पर अमानवीय अत्याचार कर रहा। हिंदू संतों को राजनीतिक षणयंत्र के तहत जेल में भर रहा। इस्कॉन के संत चिन्मय कृष्ण दास महाप्रभु को गैर क़ानूनी तरीके से गिरफ्तार करने का आरोप लगाया। बांग्लादेश में निवास कर रहे लगभग एक करोड़ हिन्दुओं के लिए पृथक लैंड देने की मांग की गई।
मंच ने जोर देते हुए कहा, बांग्लादेश में हिन्दुओं के लिए एक अलग राज्य बनाया जाए, ताकि वे शांति और सुरक्षित तरीके से रह सके। हिन्दुओं को आने जाने के लिए अलग राजमार्ग का निर्माण किया जाए। मंच के कई अन्य सदस्य राजीव नाथ, मुक्ता चक्रवर्ती दास, सौमित्र देव और धर्मानंद देव ने भी संबोधित किया। भारत में बांग्लादेश के उत्पाद के बहिष्कार करने के भी संकल्प लिए गए। भारत सरकार को आड़े हाथ लिया गया। कहा गया भारत सरकार बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए, केवल आश्वासन देने से काम नहीं होगा।
योगेश दुबे