एकजुटता से ही बहन – बेटियों की सुरक्षा संभव
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक व हिन्दू जागरण मंच के झारखंड बिहार के संगठन मंत्री डॉ• सुमन कुमार ने यहां सिलचर, गांधी पार्क में आयोजित हिंदू एकता समावेश को संबोधित करते हुए कहा कि देश में धर्मान्तरण और इस्लामिक जिहादी शक्ति से मुक्ति पाना है, तो इसका केवल एक ही उपयुक्त उपाय है वह हिन्दू एक हो जाओ और संगठित होकर इसका जवाब दीजिए। धर्मान्तरण फलस्वरूप ही हमारे देश के कई राज्य ईसाई बहुल बन गया। वर्तमान में इस्लामिक जिहादी गुट हमारे ऊपर बड़ा संकट है। बांग्लादेश ज्वलंत उदाहरण है। बांग्लादेश में हिन्दुओं पर क्या हो रहा सबको भान है।
देश को आजादी मिलने से पहले और आजादी पश्चात भी हिन्दू मुस्लिम एकता की आवाज कई लोगों ने बुलंद की थी, नतीजतन देश के दो भुजाएं काट दी गई। पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिन्दुओं पर कितने अमानवीय अत्याचार और हत्याएं हुई और आज भी हो रहे यह किसी से छिपा हुआ है क्या ? डॉ. सुमन कुमार ने कहा कि हम दो हमारे दो और हमारा बैंक बैलेंस के मानसिकता से बाहर निकले और संगठित हो। हिन्दू संगठित नहीं होगा, तो हमारी माताओं और बहनों की रक्षा करना मुश्किल हो जाएगा। डॉ. सुमन कुमार ने आगे कहा वर्ष 2014 के बाद परिस्थितियों में थोड़ा बदलाव आया है। आज के परिवेश में राष्ट्रवाद उदय से भारतीय समाज में एकजुटता व संगठित होने का बल मिला है। हालांकि सत्य यह भी है कि जात-पात की स्थिति को शिथिल होना व राष्ट्र प्रेम की धारा में बढ़ते सामाजिक परिवेश को अब भीतरी संयंत्रों द्वारा तोड़ने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए एकजुटता जरूरी है।
आरएसएस शुरू से ही राष्ट्रहित में कार्य करती रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय चिंतन से ही विश्व शांति संभव है। वहीं राष्ट्र की सुरक्षा सामाजिक मजबूती पर निर्भर है। उन्होंने कहा की हिंदू जागरण मंच समाज का प्रहरी है।धर्मांतरण बर्दाश्त योग्य नहीं। अपनी आप बीती बताई, कहा उन्होंने हिन्दू धर्म क्यों अपनाया इस संबंध में पूरी जानकारी साझा की। कभी मतांतरण के काम में लगे पादरी रॉबर्ट सोलोमन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा और संघ के अधिकारियों से मिले तो उनके प्रेम से इतने प्रभावित हुए कि स्वयं मतांतरित होकर डॉ. सुमन कुमार संघ के प्रचारक बन गए।
आरएसएस के विचारों को समझने के लिए इंडोनेशिया के जकार्ता से भेजे गए पादरी को अपनाने का निर्णय लिया और उस समय के प्रचारकों ने इन्हें इतना प्रेम दिया कि वे फिर भारत के ही होकर रह गए। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में ऑर्गेनिक रसायन में रिसर्च करने के दौरान ही वे पादरी बन चुके थे और मतांतरण के काम से उनका भारत के तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में आना-जाना 1982 से शुरू था। संघ की गतिविधियों को नजदीक से समझने के लिए ईसाई मिशनरियों ने 25 वर्ष की उम्र में 1984 में इन्हें भारत भेजा और दो वर्षों में संघ के कामों को नजदीक से देखने और हिंदू चिंतन व दर्शन से इतने प्रभावित हुए की स्वयं को हिंदू बनना स्वीकार किया।
1986 में मतांतरित होकर आर्य समाज पद्धति से हिंदू सनातन धर्म स्वीकार कर लिया। उसी वर्ष संघ के प्रचारक बन गए और हिंदू जागरण मंच के काम में लगाए गए। सिलचर गांधी पार्क में आयोजित हिन्दू एकता समावेश में उहे सुनने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे हुए थे। डॉ. सुमन कुमार ने कहा स्वामी विवेकानंद के विचारों से बहुत प्रभावित हैं। हिन्दू धर्म नहीं जीवन पद्धति है। वेद, ग्रन्थ, पुरातन संस्कृति विश्व को जोड़ने की बात कहती है। उन्होंने भारत की माताओं से अपने संतानों को देश की सेवा के लिए प्रेरित करने के लिए भी आह्वान किया। इसके पूर्व शिव व्रत साहा ने भी अपने संबोधन में कहा कि दुर्भाग्य है कि हिंदुस्तान में हिंदू को पलायन करना पड़ता है।
हिंदुओं को पुलिस को सुरक्षा प्रदान करना होता है । इसके मूल कारण हिंदुओं में एकजुटता का अभाव होना बताया। भारत वर्ष के नौ साल के इतिहास पर प्रकाश डाला। पृथ्वीराज चौहान, शिवाजी महाराज के गौरवपूर्ण इतिहास का उल्लेख किया। हिंदू राजाओं ने कई युद्ध में विजय हासिल की। इतिहास गवाह रहा है कि हिंदू एकता उद्देश्य से हटकर भारत का अहित हुआ है। हिंदू एकता ही जेहादी समस्याओं से निजात मिलेगा।
हिंदू कौन इस संबंध में विस्तृत वक्तव्य रखा। असुर शक्ति को पराजित करने के लिए हिंदू होना जरूरी है। जिहादी इस्लामिक शक्ति के विरुद्ध युद्ध के लिए हिंदू एकता पर बल दिया। इस अवसर पर संघ के वरिष्ठ प्रचारक शशिकांत चौथाईवाले, गौरंगों दास, प्रांत प्रचारक सुभाष नाथ, हिंदू जागरण मंच के विजय पाल, विधायक मिहिर कांति सोम, वरिष्ठ प्रचारक राणा गोस्वामी सहित अन्य को अंग वस्त्र भेंट कर सम्मान किया गया। अग्नि शेखर देव धन्यवाद ज्ञापन किया।
योगेश दुबे