मुख्यमंत्री से सड़क मरम्मतीकरण की मांग, बिलाईपुर बाजार से मिजोरम सीमा तक बदतर अवस्था
हैलाकांदी जिले के गागलाचेरा से वाया बिलाईपुर बाजार, मिजोरम सीमा तक प्रमुख सड़क खस्ताहाल अवस्था में है। इस क्षेत्र के महिलाओं और स्कूली बच्चों ने जोरदार आंदोलन किया। पुरुषों ने भी उनके आंदोलन में सहयोग किया। आलम यह है कि बिलाईपुर बाजार से आगे बढ़ने के बाद पक्की सड़क बस नाम भर का है।
कच्ची सड़क से भी बदतर स्थिति है। जर्जर सड़क की वजह से सूखे मौसम में उड़ते धूल और बरसात में तालाबनुमा गड्ढे, कीचड़ उनके जीवन को नर्क बना दिया है। फिलहाल अभी मार्ग पूरी तरह धूल से पटा पड़ा है। उड़ते धूल के कारण आवागमन करना मुश्किल हो गया है। अब यहां के लोगों को बरसात के मौसम में होने वाली परेशानी का डर सता रहा। स्थानीय महिलाओं और स्कूली बच्चों ने कई जगहों पर सड़क अवरुद्ध कर मरम्मतीकरण की मांग की।
हैलाकांदी जिला प्रशासन की तरफ से पीडब्ल्यूडी विभाग के सहायक कार्यकारी अभियंता एआर बरभुईया मौके पर पहुंचकर उनकी शिकायतों को सुना और आश्वासन दिया जल्द काम शुरू होगा। लेकिन आंदोलन कर रहे स्थानीय लोगों का कहना था कि बार – बार आवाज उठाने के बावजूद अपनी बात सही जगह तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा और बराक घाटी विकास विभाग के मंत्री कौशिक राय से उनकी समस्या को हल करने की अपील की।
किस अवस्था में आवागमन कर रहे यह देखने के लिए मुख्यमंत्री और मंत्री को आमंत्रित किया। कहा गया मार्ग लंबे समय से जर्जर स्थिति में है। ठेकेदार पर सही से काम न करने का आरोप मढ़ा गया। इसको लेकर यदि आवाज उठाता है तो, उसे जान से मारने की धमकी दी जाती है। गलत मामलों के तहत क़ानूनी मकड़जाल में फंसाने की कोशिश की जाती है। महिलाओं ने बताया रोगियों को अस्पताल तक पहुंचाने बहुत कठिनाई होती है। विशेषकर प्रसव पीड़ा से कराह रही गर्भवती महिलाएं अस्पताल तक नहीं पहुंच पाती। बरसात के मौसम अस्पताल पहुँचने से पहले अनेक लोगों की मौत तक हो जाती है।
एक छात्रा ने बताया स्कूल – कॉलेज जाने में बहुत परेशानी होती है। मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा से सड़क को ठीक करने की मांग की। स्थानीय विधायक सुजाम उद्दीन लस्कर पर भी लोगों के आक्रोश नज़र आए। विधायक पर कोई काम नहीं करने का आरोप मढ़े गए। मालूम हो कि ललामुख, गागलाचेरा, बिलाईपुर, बोर्थल, बालीचेरा बाजार, धलचेरा और फाइसेन ( मिजोरम सीमा ) तक सड़क जुड़ता है।
वर्तमान में धूल उड़ने से लोगों के स्वास्थ्य पर भी इसका विपरित असर पड़ रहा है। कई लोग एलर्जी का शिकार हो रहे हैं, सांस लेने में दिक्कतें हो रही। वहीं जिम्मेदार लोग आंखे मूंदे बैठे हैं। आलम यह है कि बड़े वाहनों के गुजरने के बाद कुछ देर तक उड़ती धूल के कारण कुछ दूरी तक कुछ भी नजर नहीं आता। सड़क से उठने वाली धूल भयंकर बीमारियों का कारण बन सकती है। इस तरह का वायु प्रदूषण इंसान के लिए बेहद घातक है। धूल अच्छे खासे स्वस्थ आदमी को बीमार बना सकती है।