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वक्फ कानून को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में मुसलमानों का विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। पश्चिम बंगाल में तो इसको लेकर हिंसा हो गई। वहीं, असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने शनिवार (12 अप्रैल, 2025) को कहा कि उनके राज्य बहुत कम विरोध प्रदर्शन हुए और शांति बनी रही।डॉ. शर्मा ने कहा कि राज्य में लगभग 40 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है, फिर भी हाल ही में पारित वक्फ कानून को लेकर सीमित विरोध हुआ और राज्य में शांतिपूर्ण माहौल बना रहा।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर डॉ. शर्मा ने लिखा, “लगभग 40 प्रतिशत मुस्लिम आबादी होने के बावजूद, असम में आज शांतिपूर्ण स्थिति बनी हुई है, सिवाय तीन स्थानों पर छिटपुट विरोध प्रदर्शनों के, जिनमें प्रत्येक में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ 150 से अधिक प्रतिभागी शामिल नहीं थे। कानून प्रवर्तन एजेंसी के किए गए ग्राउंडवर्क को इसका क्रेडिट देते हुए उन्होंने कहा, असम पुलिस को उनके व्यापक जमीनी कार्य के लिए उनकी की ओर से बधाई, जिसने शांति और व्यवस्था बनाए रखने में मदद की।
असम भर में लोग जाति, पंथ, या समुदाय और धर्म से परे भावना में एकजुट हैं और हमारे प्रिय बोहाग बिहू का स्वागत खुशी और सद्भाव के साथ करने की उत्सुकता से तैयारी कर रहे हैं। हालांकि राज्य के कई हिस्सों में मुस्लिम समूहों ने वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, लेकिन इसमें बहुत कम लोग शामिल हुए।
बजट सत्र के दौरान संसद में पारित होने के बाद 5 अप्रैल को वक्फ बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई। राज्यसभा ने इस विधेयक को 128 मतों के साथ पारित किया, जबकि 95 मतों के विरोध में, जबकि लोकसभा ने इसे लंबी बहस के बाद पारित कर दिया, जिसमें 288 सांसदों ने इसका समर्थन किया और 232 ने इसका विरोध किया। इसके कानून बनने के बाद देश के अलग-अलग राज्यों में विरोध प्रदर्शन देखने को मिले। वहीं, पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में इस विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। एबीपी