कार्यक्रम को सुचारू रूप से आयोजित करने के लिए प्लैटिनम जुबली उद्यापन कमेटी का गठन
असम के हाइलाकांदी के ऐतिह्यवाहि एसएस कॉलेज की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक वर्ष व्यापी विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। प्लैटिनम जुबिली के अवसर पर 18 सितंबर को कॉलेज के स्थापना दिवस से कार्यक्रम शुरू होंगी।
एसएस कॉलेज के अध्यक्ष एवं प्लेटिनम जुबली समारोह समिति के अध्यक्ष हिलाल उद्दीन लश्कर ने बताया कि प्लेटिनम जुबली के अवसर पर 18 एवं 19 सितंबर को दो दिवसीय वर्णाट्य कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा, शिक्षा मंत्री रनोज पेगु, असम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजीव मोहन पंथ सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों को साल भर चलने वाले कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में आमंत्रित किया जाएगा।
इसलिए कार्यक्रम को सुचारू रूप से आयोजित करने के लिए प्लैटिनम जुबली उद्यापन कमेटी का गठन किया गया है। इस कमिटी की पहल के तहत कॉलेज के शिक्षकों, छात्रों छात्राओं और पूर्व छात्र छात्राओं के साथ दो प्रस्तुती सभा हो चुकी हैं। इसमें दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजन की रूपरेखा तैयार की गई है।
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अनुष्ठान के पहले दिन सुबह ध्वजारोहण के बाद रंगारंग शोभायात्रा के साथ कार्यक्रम की शुरुआत होगी। इसके बाद शैक्षिक मुद्दों पर चर्चा, पौधारोपण, प्रदर्शनी, खेलकूद प्रतियोगिताएं, सांस्कृतिक कार्यक्रम समेत विभिन्न कार्यक्रम होंगे। स्मरणिका भी प्रकाशित किये जायेंगे। दो दिवसीय कार्यक्रम का बजट करीब बीस लाख रुपये आंका गया है।
इसके अलावा साल भर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए बीस लाख रुपये का बजट तय किया गया है। उन्होंने बताया कि इसमें कुल मिलाकर करीब चालीस लाख रुपये का खर्च होगा। उद्यापन कमेटी के सांगठनिक संपादक रम्यब्रत चक्रवर्ती ने कहा कि प्लैटिनम जुबिली कार्यक्रम को सही तरीके से परिचालना करने के लिए कई उप-समितियों का गठन किया गया है।
रिसेप्शन कमेटी के अलावा सांस्कृतिक उप समिति, एकेडमिक उपसमिति, फाइनेंस (वित्त) उप समिति समेत छह उप समितियों का गठन किया गया है। प्रिंसिपल और प्लेटिनम जुबली उद्यापन कमेटी के अध्यक्ष हिलाल उद्दीन लश्कर ने 75वें वर्ष में प्लेटिनम जुबली के लोगों का आधिकारिक तौर पर अनावरण किया।
इसमें विभिन्न प्रकोष्ठों के संयोजक डॉ. रूपम सेन, डॉ. तपा कर, डॉ.. अब्दुल मन्नान मजूमदार, डॉ. यज्ञेश्वर देव, डॉ.. मणिधन सिन्हा, अरविंद खेरकटारी, डॉ. गुलाब नंदी आदि की उपस्थिति रही।
शंकरी चौधुरी