Monday, December 23, 2024

पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी, शिलोंग के सचिव डॉ. अकेलाभाई ने महाराष्ट्र में ‘संवाद लेखक से’ को किया संबोधित, कहा, हर कोई संवेदनशील व्यक्ति बन सकता है लेखक

महाराष्ट्र में संबोधित करते हुए डॉ. अकेलभाइ 
“डॉ. अकेलाभाइ को सुनने पहुंचे थे असंख्य लोग”

महाराष्ट्र के नांदेड एजुकेशन सोसाइटी द्वारा 9 सितंबर को संचालित पीपल्स कॉलेज, नांदेड के हिंदी विभाग द्वारा ‘संवाद लेखक से’ एक अनूठा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की यह पांचवीं कड़ी थी। इसके पहले इस कार्यक्रम में डॉ. सुनील जाधव, डॉ. मुंजाजी इंगोले, डॉ. रमेश कुरे, डॉ. दामोदर खडसे आदि ने छात्रों से संवाद किया है।

 

इन प्रतिष्ठित लेखकों से विभाग ने छात्रों से संवाद स्थापित किया था। आज के इस कार्यक्रम में शिलोंग से डॉ. अकेलाभाई (सचिव, पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी, शिलोंग) उपस्थित रहे। उन्होंने छात्रों के साथ संवाद करते हुए कहा कि हर कोई संवेदनशील व्यक्ति लेखक बन सकता है। उन्होंने अपने लेखन की शुरुआत के अनुभव बताते हुए लेखक बनने की अनिवार्य शतों को छात्रों के साथ साझा किया।

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डॉ. अकेलाभाई ने कहा कि संवेदनशीलता लेखक में होना जरूरी है, उसके बिना लेखक, लेखक बन ही नहीं सकता। उन्होंने बताया कि छात्रों को पढ़ाई करते हुए भी लेखन को अपनी आजीविका का माध्यम बनाना चाहिए। अपने जीवन के अनेक उदाहरण देते हुए यह बात कही कि लेखन से मान-सम्मान तो मिलता ही है, आजीविका भी चलती है।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. वर्षा सहदेव (हिंदी विभागाध्यक्ष, विजयसिंह यादव, महाविद्यालय, कोल्हापुर) उपस्थित रहीं। उन्होंने अपना मनोगत व्यक्त करते हुए अपने छात्र जीवन के अनुभवों के साथ प्रेरणादायक घटनाओं को उजागर किया। प्रस्तुत कार्यक्रम में अध्यक्ष स्थान पर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. आरएम जाधव विराजमान थे।

 

उन्होंने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में समग्र कार्यक्रम के बारे विचार प्रस्तुत किया।इस ‘संवाद लेखक से’ कार्यक्रम का प्रास्ताविक एवं अतिथि परिचय कार्यक्रम के संयोजक डॉ भगवान जाधव ने किया। कार्यक्रम का सूत्रसंचालन डॉ. वर्षा मोरे ने किया और आभार डॉ. प्रीति यादव जी ने प्रकट किए ।

कार्यक्रम का सूत्र संचालन डॉ. वर्षा मोरे ने किया, जबकि डॉ. प्रीति यादव ने आभार प्रकट किया।इस कार्यक्रम में कॉलेज के उप – प्रधानाचार्य डॉ. सिद्धेवाड, अंग्रेजी विभाग के डॉ. भानेगावकर, डॉ. थोरात और डॉ. मिर्जा उपस्थित थे। कॉमर्स विभाग से डॉ. बोरा, इतिहास विभाग से डॉ. शिवराम जाधव भी शामिल हुए।

कार्यक्रम को सफल बनाने में हिंदी विभाग के सहयोगी प्राध्यापक डॉ. मुकुंद कवडे, विभाग के अन्य प्राध्यापकों में डॉ. भिमराव घोडगे, डॉ. सय्यद वाजिद, डॉ. पठान खातून, प्रा. विजया उफाडे का सहयोग रहा।कार्यक्रम में बड़ी संख्या में हिंदी के छात्र एवं छात्राएं उपस्थित थे।

‘संवाद लेखक से’ नामक इस कार्यक्रम का प्रास्ताविक एवं अतिथि परिचय कार्यक्रम के संयोजक डॉ. भगवान डॉ भगवान जाधव ने किया।

योगेश दुबे 

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