Monday, December 23, 2024

बांग्लादेशी घुसपैठ पर असम के डिप्टी स्पीकर की खरी-खरी, अभी नहीं जागे, तो आने वाला वक्त नहीं करेगा माफ

 

1985 तक असम में इस मुद्दे पर आंदोलन हो चुका है। उन्होंने कहा कि घुसपैठियों की संख्या जहां आजादी के बाद 10 से 12 फीसदी थी, वह अचानक 45 फीसदी तक पहुंच जाती है, तो यह चिंताजनक स्थिति है।

राजस्थान, जयपुर में पहुंचे असम के डिप्टी स्पीकर ऐसा बयान चर्चा में आ गया है। उन्होंने बांग्लादेशी घुसपैठियों पर बड़ी बात कहते हुए जनता को अपने विवेक से सोचने की अपील की। झारखंड में चुनावी माहौल लगातार बनता जा रहा है। इस बीच भाजपा राज्य में अवैध घुसपैठियों की ओर से गैरकानूनी तरीके से जमीन खरीदने का मामला उठाती रही है।

जयपुर यात्रा के दौरान असम के विधानसभा उपाध्यक्ष डॉक्टर नुमाल मोमिन का कहना है कि आदिवासियों की संख्या लगातार घट रही है। पहले घुसपैठ असम की समस्या थी और आज देश की समस्या बन चुकी है। उन्होंने कहा कि 1979 से लेकर 1985 तक असम में इस मुद्दे पर आंदोलन हो चुका है। उन्होंने कहा कि घुसपैठियों की संख्या जहां आजादी के बाद 10 से 12 फीसदी थी, वह अचानक 45 फीसदी तक पहुंच जाती है, तो यह चिंताजनक स्थिति है।

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झारखंड के संथाल परगना में बढ़ती घुसपैठियों की संख्या पर भी उन्होंने कहा कि हाल ही में असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने भी इस मुद्दे को उठाकर झारखंड में एनआरसी लागू करने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि इस मसले पर ठोस कदम उठाया जाए, वरना आने वाले वक्त में भारत के लोग माफ नहीं करेंगे।

डॉक्टर नुमाल मोमिन के मुताबिक बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय पर लगातार टॉर्चर हो रहा है। उन्होंने कहा कि वहां लगातार गैर मुस्लिम वर्ग पर अत्याचार हो रहे हैं, जिसके कारण अल्पसंख्यक सरहद पार करके भारत में दाखिल होना चाहते हैं। डॉक्टर मोमिन ने कहा कि घुसपैठ रोकने मात्र से समाधान नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दबाव के बाद बांग्लादेश के जमीनी हालात देखने के लिए यूएन वहां दौरा कर रहा है।

उन्होंने पीएम मोदी के कदम की सराहना भी की। असम के डिप्टी स्पीकर ने कहा कि भारत को बांग्लादेश में रहने वाले अल्पसंख्यकों की मदद करनी चाहिए। साथ ही उन्होंने मांग की है कि बांग्लादेश के ऊपर अंतरराष्ट्रीय दबाव भी बनना चाहिए, ताकि अल्पसंख्यकों पर अत्याचार रुकें। असम के मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा ने बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ के मसले पर एनआरसी की वकालत की थी। केंद्र सरकार की ओर से पेश हलफनामे के आधार भाजपा हमलावर रही।

उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार ने झारखंड उच्च न्यायालय में घुसपैठ पर हलफनामा पेश किया था, जिसके बाद झारखंड सरकार को तुरंत एनआरसी की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। हाल में चर्चा है इसकी जांच ईडी करेगी, इस मामले में ईडी ने 5 एफआईआर भी दर्ज की है।

झारखंड हाईकोर्ट में दायर एक हलफनामे में भाजपा की ओर से बताया गया है कि संथाल परगना में आदिवासियों की 17 प्रतिशत जनसंख्या घटी है और बांग्लादेशी घुसपैठिए बढ़े हैं। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 2011 के जनगणना का हवाला देते हुए कहा कि पूरे देश में मुसलमानों की जनसंख्या 4 फीसदी बढ़ी, लेकिन झारखंड में उनकी जनसंख्या 14 प्रतिशत बढ़ी है, जबकि आदिवासी 45 फीसदी से 28 फीसदी पर आ गए हैं। निशिकांत दुबे ने कहा कि घुसपैठिए अवैध तरीके से जमीन कब्जा कर रहे हैं। साभार ईटीवी।

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