सिलचर प्रेस क्लब में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मणिपुर प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष केशम मेघचंद्र सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एक बयान की कड़ी निंदा की है। उन्होंने मणिपुर पर गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी पर निशाना साधते हुए यह पूछा कि अगर स्थिति उतनी ही सामान्य है, जितनी वह बता रहे हैं, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभी तक राज्य का दौरा क्यों नहीं किया या यहां के राजनीतिक नेताओं से मुलाकात क्यों नहीं की।
मालूम हो कि मीडिया कर्मियों के साथ बातचीत में शाह ने कहा था कि सरकार स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए मणिपुर में मैतेई और कुकी दोनों समुदायों से बात कर रही है और घुसपैठ को रोकने के लिए म्यांमार के साथ देश की सीमा पर बाड़ लगाने का काम शुरू कर दिया है। शाह ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन की उपलब्धियों पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि पिछले सप्ताह तीन दिनों की हिंसा को छोड़कर मणिपुर में कुल मिलाकर स्थिति शांतिपूर्ण रही है और सरकार अशांत पूर्वोत्तर राज्य में शांति बहाल करने के लिए काम कर रही है।
मणिपुर कांग्रेस प्रमुख सिंह ने कहा, यदि मणिपुर में स्थिति आज उतनी ही सामान्य है, जितनी दावा गृह मंत्री शाह ने बताई है (और) यदि मणिपुर के मुख्यमंत्री उतना ही अच्छा काम कर रहे हैं, जितना बताया है, यदि विभिन्न समुदायों के साथ संवाद प्रक्रिया चल रही है, जैसा कि कहा गया है, तो देश के प्रधानमंत्री को 3 मई, 2023 को राज्य में भड़की हिंसा के बाद से मणिपुर का दौरा करने का समय और इच्छा क्यों नहीं मिली।
सिंह ने आगे कहा कि मणिपुर में हर रोज गोलीबारी और बमबारी हो रही है। पत्र पत्रिकाओं और न्यूज़ चैनलों में घटना से संबंधित समाचार भी आ रहे है, लेकिन गृह मंत्री को यह दिखाई नहीं दे रहा है। सिंह ने पूछा कि राज्य में पूर्णकालिक राज्यपाल क्यों नहीं है और मुख्य सचिव पिछले 45 दिनों से राज्य में क्यों नहीं हैं। उन्होंने कहा, कई विधायक और मंत्री अब राज्य में क्यों नहीं हैं और इंफाल में भाजपा का भव्य कार्यालय क्यों काम नहीं कर रहा है।
गृह मंत्री कह रहे है कि वह कुकी और मीतेई समूहों से बात कर रहे हैं। उन्होंने एक रोडमैप तैयार किया है और (शांति सुनिश्चित करने के लिए) हर संभव कदम उठाएंगे। शाह ने कहा कि सरकार ने मणिपुर में राजनीतिक स्थानों पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों की तैनाती सफलतापूर्वक पूरी कर ली है।
Advertisement
मोदी सरकार 3.0 के पहले 100 दिनों में भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने का काम शुरू हो गया है जो समस्या का मूल कारण है। गृह मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने पहले ही भारत-म्यांमार मुक्त आवागमन व्यवस्था (एफएमआर) को समाप्त कर दिया है, जो दोनों देशों की सीमा के निकट रहने वाले लोगों को बिना किसी दस्तावेज के एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किलोमीटर तक आने-जाने की अनुमति देता है।
मणिपुर कांग्रेस के प्रमुख सिंह ने रोडमैप की तैयारी पर जमकर बखिया उधेड़ी और कहा कि उनके राज्य को जोड़ने वाले नेशनल हाइवे ब्लॉक है। लोग अब भी आंदोलन के लिए बाध्य है। प्रदेश में रहने वाला हर समुदाय अपने जीवन, जीविका और भविष्य के लिए चिंतित है, डरा सहमा है।
16 महीने से अधिक समय समूचा राज्य हिंसा में तब्दील है। सरकार विफल है। कानून का राज कायम नहीं है, लेकिन गृह मंत्री कह रहे स्थिति सामान्य है। सिंह ने कहा कि म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने का स्वागत करते है। किन्तु वे चाहते है केंद्र गलत बयानबाजी करने की बजाय धरातल पर सच्चाई से रूबरू होकर संजीदगी से शांति बहाली पर ध्यान केंद्रित करें।
योगेश दुबे