“स्व. मुरलीधर सारदा, स्व. राम चंद सारदा, स्व. मुल्तान चंद सारदा, स्व. श्रीचंद सारदा, स्व. लाला हरि चंद सारदा और स्व.देओचंद सारदा अपने पिता स्व. श्री किशन सारदा की स्मृति में उपरोक्त कॉलेज की स्थापना की थी।”
शिक्षा के क्षेत्र में बराक घाटी में सिलचर के सारदा परिवार का अतुलनीय योगदान रहा है। हैलाकांदी जिले में स्थित ‘श्रीकिशन सारदा कॉलेज’ अपना 75वां वर्ष मना रहा है, जिसे एसएस कॉलेज के नाम से भी जाना जाता है। वर्ष 1950 में स्थापित, हैलाकांदी में स्थित एक सामान्य डिग्री कॉलेज है।
कॉलेज असम विश्वविद्यालय से संबद्ध है। अपनी स्थापना के 75 साल पूरे होने का जश्न मनाने रहा है। साथ ही इस कॉलेज को 2011 में नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल ( एनएएसी ) ए ग्रेड से मान्यता प्राप्त है। सारदा परिवार द्वारा स्थापित उक्त कॉलेज एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान ही नहीं बराक घाटी के गौरवशाली इतिहास को भी दर्शाता है। ज्ञातव्य हो कि सिलचर शहर के स्व. मुरलीधर सारदा, स्व. राम चंद सारदा, स्व. मुल्तान चंद सारदा, स्व. श्रीचंद सारदा, स्व. लाला हरि चंद सारदा और स्व.देओचंद सारदा अपने पिता स्व. श्री किशन सारदा की स्मृति में उपरोक्त कॉलेज की स्थापना की थी।
वर्तमान में असम में इस एक गौरवपूर्ण इतिहास के साथ उक्त कॉलेज शिक्षा के क्षेत्र में एक अलग ही नाम बनाया है। श्रीकिशन सारदा कॉलेज (एसएस कॉलेज) ने कई उल्लेखनीय पूर्व छात्रों को जन्म दिया है जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। हालांकि कॉलेज मुख्य रूप से स्थानीय समुदाय की सेवा करता है, लेकिन इसके कई पूर्व छात्रों ने असम और उसके बाहर के शैक्षिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
कुछ पूर्व छात्र शिक्षक, सिविल सेवक और सार्वजनिक नेता बन गए हैं। राज्य के पूर्व मंत्री गौतम राय भी इसी कॉलेज से शिक्षा ग्रहण की है। विदित हो कि जिस महान व्यक्ति, श्रीकिशन सारदा, के नाम कॉलेज है, वह एक समाजसेवी ही नहीं धर्म परायण भी थे। एक प्रसिद्ध सामाजिक विचारक (स्वर्गीय श्रीकिशन सारदा), जिन्होंने समाज के लोगों के उत्थान के लिए उनका जीवन समर्पित रहा। आज श्रीकिशन सारदा कॉलेज, हैलाकांडी ने अपने सफल 75वें वर्ष की यात्रा शुरू कर दी है। उनके वंशज सिलचर में रहते हैं, जिनका उद्देश्य जरूरतमंदों की मदद करना है।
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सामाजिक गतिविधियों में संलग्न हैं। सामाजिक विकास करना तथा समाज में शिक्षा का प्रसार करना है, इस ध्येय के साथ अपने पूर्वजों के नक़्शे कदम पर बढ़ रहे हैं। सिलचर सारदा परिवार की ओर से कमल कुमार सारदा, कॉलेज के प्रबंधन समिति, डोनर मेंबर के तौर पर, बराक घाटी के लोगों के लिए एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान बनाने के लिए वह अपने पूर्वज स्व. मुरलीधर सारदा, स्व. राम चंद सारदा, स्व. मुल्तान चंद सारदा, स्व. श्रीचंद सारदा, स्व. लाला हरि चंद सारदा और स्व.देओचंद सारदा को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए गर्व महसूस किया।
मालूम हो क़ी 1950 में ही सारदा परिवार बदरपुर घाट सिद्धेश्वर धाम में दुर्गा मंदिर में प्रतिमा स्थापित किया था। सिलचर के नरसिंह का छात्रावास भी बनवाया था। रामकृष्ण नगर लायंस क्लब को एक एम्बुलेंस वर्ष 2000 में दान किया था। फिलहाल एसएस कॉलेज अपना प्लैटिनम जुबली ईयर मना रहा है। एक वर्षीय कार्यक्रम तय किया गया है। एक वर्ष में विभिन्न कार्यक्रम किए किए जाएंगे। दो दिन पहले प्लैटिनम जुबली ईयर का शुभारंभ हुआ है, जिसमें लखीपुर के विधायक कौशिक राय, कॉलेज के प्रिंसिपल, शिक्षाविद व्यक्तियों समेत अन्य की उपस्थिति रही।
Yogesh Dubey / योगेश दुबे