Monday, December 23, 2024

त्रिपुरा में 584 उग्रवादियों ने किया आत्मसमर्पण, मुख्यमंत्री साहा बोले- उग्रवाद किसी समस्या का हल नहीं

 

आत्मसमर्पण दौरान उग्रवादियों ने किए अत्याधुनिक हथियार जमा 

 

 

त्रिपुरा में लगभग 584 उग्रवादियों का मुख्यधारा में लौटना प्रदेश के लिए शांति और प्रगति का मार्ग और तेजी उन्नत हुआ है। त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में मंगलवार को प्रतिबंधित समूहों नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स (एटीटीएफ) से जुड़े करीब 584 उग्रवादियों ने मुख्यमंत्री माणिक साहा के सामने आत्मसमर्पण किया है।

सिपाहिजाला जिले के जम्पुइजाला में एक समारोह में उग्रवादियों का मुख्यधारा में स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा कि उग्रवाद किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। इस सामूहिक आत्मसमर्पण के बाद मुख्यमंत्री माणिक साहा ने पूर्वोत्तर राज्य को पूरी तरह से उग्रवाद मुक्त घोषित किया।

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मुख्यमंत्री साहा ने कहा, केंद्र और राज्य कई योजनाएं शुरू करके स्वदेशी लोगों के समग्र विकास के लिए काम कर रहे हैं। मैं उन लोगों का स्वागत करता हूं जिन्होंने हिंसा का रास्ता छोड़ दिया है और मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं। मामले में एक एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आज, करीब 584 एनएलएफटी और एटीटीएफ उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है और बाकी कैडर आने वाले दिनों में आत्मसमर्पण करेंगे।

एनएलएफटी और एटीटीएफ दोनों समूहों ने 1990 के दशक के उत्तरार्ध से दो दशकों तक राज्य में कहर बरपाया था

इस आत्मसमर्पण के दौरान उग्रवादियों ने अत्याधुनिक हथियार जमा किए। 4 सितंबर को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में केंद्र और राज्य सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के बाद उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। बता दें कि एनएलएफटी और एटीटीएफ दोनों समूहों ने 1990 के दशक के उत्तरार्ध से दो दशकों तक राज्य में कहर बरपाया था। उग्रवाद के कारण हजारों लोग, खासकर गैर-आदिवासी, विस्थापित हुए। केंद्र ने आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों के पुनर्वास के लिए 250 करोड़ रुपये के वित्तीय पैकेज की घोषणा की है।

 

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