कवि सम्मेलन, नाटक मंचन और सांस्कृतिक कार्यक्रम रहा मुख्य आकर्षण का केंद्र
कछार जिले में असम – मिजोरम सीमा से सटा क्षेत्र धोलाई इलाके में आयोजित हिंदी दिवस समारोह में हिंदी के प्रति लोगों का अटूट प्रेम दिखाई दिया। कवि सम्मेलन और सांस्कृतिक कार्यक्रम मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा। मालूम हो कि धोलाई वन विभाग के परिसर में स्थित सभागार में आयोजित हिंदी दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में समाजसेवी, हिंदीसेवी डॉ. रंजन सिंह आमंत्रित थे।
कछाड़ हिंदी भाषी छात्र परिषद के प्रमुख तथा सामजसेवी संजीव राय, हिन्दीसेवी मदन मोहन कोइरी सहित अन्य की उपस्थिति रही। धोलाई हिंदी दिवस समारोह समिति के प्रमुख राम कुमार कोइरी ने आमंत्रित अतिथियों का स्वागत एवं सम्मान किया। मंच स्व. संजीव कोइरी के स्मृति में समर्पित था।
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मुख्य अतिथि डॉ. रंजन सिंह अपने बहुमूल्य वक्तव्य में हिंदी की अनिवार्यता इस भाषा की विशेषता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हिन्दी, भारत की पहचान है और यह देश के जीवन मूल्यों, संस्कृति और संस्कारों को संभालती है। हिंदी सभी को जोड़ने का काम करती है। अंग्रेजी हो या अन्य कोई भी भाषा उसकी जानकारी होना अच्छी बात है, लेकिन हिंदी पढ़ना लिखना दोनों हमें आती हो यह भरसक प्रयास के लिए सभी को प्रोत्साहित किया। हिंदी विदेशों में भी आज बोली जाती है। हर हिंदुस्तानियों की भाषा हिंदी है। मातृ भाषा की महत्व है, लेकिन हिंदी को आगे बढ़ाने के लिए सामूहिक प्रयास किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जितना अधिक हो सके अपने दैनिक बोलचाल में हिंदी का उपयोग करें। अपने छात्र जीवन के समय की कुछ आप बीती भी साझा करते हुए कहा कि बेहतर भविष्य के लिए पढ़ाई के अलावा चुनौतियों के साथ संघर्ष करते रहना चाहिए। सिलचर में हिंदी भवन में बन रहे छात्रावास के संबंध में जानकारी साझा की।
धोलाई हिंदी दिवस समारोह समिति के प्रमुख राम कोइरी और उनकी टीम को इस सफल आयोजन के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी। योगेश दुबे ‘विभु’ के संचालन में कवि सम्मेलन हुआ। कवि सम्मेलन में श्रीमती कमला थापा सोनार, श्रीमती डोली साह, संजीव राय, जय प्रकाश ग्वाला, शनि भट्टाचार्य, शैलेन दास, रूली शुक्लवैद और चिरंजीत कोइरी ने सुन्दर रचनाओं, गीतों और गजलों से कार्यक्रम में शमा बांधी। कवियों का विशेष सम्मान हुआ।
इस अवसर पर साहित्य संगम परिवार, सिलचर और भारतीय भाषा अध्ययन परिषद, कछाड़, असम द्वारा हिंदी के प्रचार – प्रसार में उल्लेखनीय योगदान के लिए राम कुमार कोइरी को सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि डॉ. रंजन सिंह के हाथो, सहयोग में संजीव राय, शनि भट्टाचार्य उपस्थित थे, से यह सम्मान दिलाया गया। वहीं मदन मोहन कोइरी ने सुश्री माया नुनिया का राष्ट्रभाषा रत्न से सम्मान किया।
ज्ञातव्य हो कि कि धोलाई में पिछले तीन दशकों से हिंदी दिवस समारोह का आयोजन होता रहा है। इस समारोह में हिंदीभाषी के अलावा बांग्ला और मणिपुरी भाषी भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लिए। मुसलमान समुदाय से भी छात्र – छात्राओं ने हिंदी दिवस समारोह में कार्यक्रम की प्रस्तुति देकर अपनी भागीदारी दिखाई। बाद में विभिन्न प्रतियोगिताओं के पुरस्कार वितरण और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। छात्रों ने नाटक मंचन किया, लोगों ने खूब सराहा।
(समाचार संकलन तथा संपादित : योगेश दुबे)