Friday, December 27, 2024

कांग्रेस नेता जितेंद्र सिंह का असम मुख्यमंत्री से सवाल, भाजपा प्रत्याशी निहार रंजन दास बांग्लादेशी है या नहीं, स्पष्टीकरण की मांग 

प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए एआईसीसी महासचिव जितेंद्र सिंह।

  • भाजपा सरकार पर बराक घाटी की उपेक्षा करने का आरोप
  • ब्रह्मपुत्र और बराक घाटी के चाय बागानों में समान मज़दूरी दर क्यों नहीं है लागू, किया प्रश्न

धोलाई विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रचार करने पहुंचे अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव ( असम प्रभारी ) जितेंद्र सिंह एक संवाददाता सम्मेलन कर असम में डॉ. हिमंत विश्व शर्मा के नेतृत्व वाली सरकार को घेरा तथा जमकर बखिया उधेड़ी। उन्होंने भाजपा सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप मढ़ा। कहा, बराक घाटी को जो हक़ मिलना चाहिए था, वो मिला नहीं। वर्तमान डॉ. हिमंत विश्व शर्मा सरकार पर कई गंभीर आरोप मढ़े। बराक घाटी में चाय उद्योग को बचाने और बागान श्रमिकों अधिकारों के लिए कोई ठोस पहल नहीं हुआ है।

जितेंद्र सिंह ने यह जोर देते कहा ‘यह कितना दुर्भाग्यजनक है कि असम राज्य में चाय बागानों के श्रमिकों की दी जाने वाली दैनिक मज़दूरी में भी भेदभाव हो रहा। ब्रह्मपुत्र घाटी और बराक घाटी में समान मज़दूरी दर लागू नहीं है। एक ही  राज्य के दो वैली में अलग – अलग मज़दूरी देने की व्यवस्था होना दुर्भाग्य बताया। ब्रह्मपुत्र वैली में 230 से 251 तक दिए जा रहे जबकि बराक वैली में विपरीत है। ब्रह्मपुत्र घाटी में जो दैनिक मज़दूरी लागू है उसके अनुपात बराक घाटी में कम दिया जा रहा है। महज 180 से 190 रुपये मिल रहे। इस व्यवस्था के लिए भाजपा सरकार की खिंचाई की।

उन्होंने आगे कहा कि असम में चाय उद्योग को बचाने के लिए भी पहल होनी चाहिए। राज्य में जो चाय बागान बंद हो गए उन्हें पुनः खोलने के लिए प्रयास तक नहीं हो रहे। श्रमिकों की आजीविका चाय बागानों पर आश्रित है, लेकिन चाय उद्योग ही बंद होने लगे, तो चिंता का कारण बताया।

भाजपा द्वारा धोलाई में दिए गए प्रत्याशी निहार रंजन दास पर बांग्लादेशी नागरिक होने का आरोप लग रहा। जितेंद्र सिंह ने कहा कि आगामी कल मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा धोलाई में प्रचार के लिए आ रहे है, इसका जवाब उन्हें देना चाहिए। बांग्लादेशी होने का संदेह के आरोप स्वयं भाजपा के जिला उपाध्यक्ष अमिय कांति दास ने लगाया था। भाजपा प्रत्याशी बांग्लादेशी नागरिक है या नहीं इसका जवाब मुख्यमंत्री से मांगा है।

आगे उन्होंने कहा कि राज्य विधानसभा में बराक घाटी की जो आवाज होती थी, उसे दबाने का प्रयास किया गया। सीमा परिसीमन में क्षेत्र के 15 में से 2 घटकर 13 कर दिया गया। बराक घाटी की आवाज को राज्य विस में चुप करा देने का बड़ा प्रयास हुआ। राज्य का सबसे अविकसित और पिछड़ा क्षेत्र बराक घाटी को बताया। भाजपा सरकार को इस क्षेत्र के लोगों की चिंता होती, तो विस सीटों की संख्या बढ़ाकर 20 कर दिया जाता। हाल ही में कछार जिले में करीब 670 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया है।

कहीं भी काम शुरू नहीं हुआ है. केवल नींव का स्लैब ही परियोजना का नाम दर्शा रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पानी जैसे क्षेत्रों में भी ढांचागत विकास का न होना बताया। क्षेत्र के साथ सौतेला व्यवहार किया जाना बताया। वर्तमान में डॉ. हिमंत विश्व शर्मा के मंत्रिमंडल में बराक घाटी से एक मंत्री तक नहीं रखा गया। क्षेत्र बात को कैबिनेट में रख सके, यह हक भी छीन लिया गया है। बराक घाटी असम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। तीन अंतर्राज्यीय एवं एक अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सटा क्षेत्र है। बावजूद बुनियादी विकास से महरूम है।

किसी व्यक्ति को दिल का दौरा पड़े उसे इलाज हेतु अचानक बाहर ले जाना हो, तो ऐसी कोई सुविधा नहीं है। इतने बड़े क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी की है। रोजगार में पर्याप्त अवसर नहीं मिल रहा। सरकारी नौकरी में द्वितीय और तृतीय श्रेणी में स्थानीय युवाओं के अवसर देने के मांग की भी उपेक्षा मौजूदा सरकार द्वारा हुआ है। कांग्रेस सरकार समय राज्य के सभी क्षेत्रों के साथ समान रूप से सम्मान होता था।

विकास लिए जारी बजट में भी कटौती हुई है। भाजपा केवल बड़े – बड़े दावे करती है। उद्घाटन समय फोटो सेशन के बाद सब भूल जाती है। राज्य में अलग – अलग समुदाय के लोग रहते है। सभी की भाषा – संस्कृति भिन्न – भिन्न है। प्रत्येक भाषा संस्कृति की रक्षा और सुरक्षा होनी चाहिए। किसी एक के साथ अन्याय नहीं कर सकते। सिंह ने कहा असम में सरकारी स्तर पर अन्याय हो रहा है।

यह सवाल किया कि बराक घाटी के लोगों की संस्कृति की रक्षा कौन करेगा। दिसपुर की भाजपा सरकार बराक घाटी को न केवल कृषि और संस्कृति की रक्षा के मामले में, बल्कि संचार, शिक्षा, चिकित्सा उपचार, रोजगार, चाय श्रमिकों की मजदूरी से भी वंचित कर रही है। परिप्रेक्ष्य में देखें तो संदेह पैदा होता है कि क्या बराक घाटी वास्तव में असम प्रदेश में है।

आगामी कल, मंगलवार को सूबे के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा धोलाई में आ रहे है। उपरोक्त सवाल उनसे पूछे जाने चाहिए। मुख्यमंत्री बराक घाटी के साथ सौतेले बर्ताव, सीमा परिसीमन पर कुछ कहेंगे। स्मार्ट मीटर के मुद्दे को भी उठाया। कहा अडानी कंपनी द्वारा निर्मित स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे। जितेंद्र सिंह ने आगे कहा कि इस उपचुनाव में भाजपा को सबक सिखाएं। भाजपा के प्रत्याशी पर बांग्लादेशी नागरिक होने के आरोप लग रहे।

यह आरोप कांग्रेस नहीं बल्कि भाजपा के जिला उपाध्यक्ष ( अमिय कांति दास ) ही ने लगाया था। भाजपा ने अपने उपाध्यक्ष के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। इसका मतलब यह है कि भाजपा ने इस सत्य को स्वीकार कर लिया है। ऐसे में उन्हें यह मानना होगा कि भाजपा उम्मीदवार निहार रंजन दास बांग्लादेशी हैं। जबकि कांग्रेस का प्रत्याशी ध्रुबज्योति पुरकायस्थ स्थानीय तथा भारत के मूल निवासी है। कांग्रेस ने भाजपा पर सांप्रदायिक और जातिवाद राजनीति करने का आरोप लगाया। इस दौरान जितेंद्र सिंह के साथ असम प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष भूपेन बोरा, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव पृथ्वीराज प्रभाकर साठे, जिला कांग्रेस अध्यक्ष अभिजीत पाल, दो विधायक खलीलुद्दीन मजूमदार और नंदिता दास सहित अन्य उपस्थित थे। कांग्रेस ने यह दावे साथ कहा, राज्य के सभी पांच सीटों पर जीत रहे हैं।

योगेश दुबे

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