सांकेतिक तस्वीर
असम में पांच महत्वपूर्ण विधानसभा सीटों के उपचुनाव का मतदान पूरा हो चुका है, अब उम्मीदवारों के भविष्य का फैसला जनता के हाथ में है। ये सीटें धोलाई (एससी), सिडली (एसटी), बोंगाईगांव, बेहाली और सामागुरी हैं, जो लोकसभा चुनावों में प्रतिनिधियों के संसद सदस्य बनने के कारण खाली हुई थीं। इस चुनावी मुकाबले में कुल 34 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जिनमें कई नए चेहरों ने भी राजनीतिक मंच पर कदम रखा है।
मतदान 1,078 केंद्रों पर हुआ जिसमें लगभग नौ लाख पंजीकृत मतदाता शामिल हुए। इस प्रक्रिया को पारदर्शी और व्यवस्थित बनाने के लिए करीब 9,000 मतदान कर्मियों ने अपना योगदान दिया। 592 मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की सुविधा दी गई, 11 केंद्रों को मॉडल मतदान केंद्र का दर्जा मिला और 14 केंद्रों पर महिला कर्मचारियों की पूरी तैनाती की गई। सुरक्षा के मद्देनजर असम पुलिस के साथ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 15 कंपनियों के लगभग 1,500 कर्मियों को तैनात किया गया था।
सामागुरी निर्वाचन क्षेत्र में इस बार चुनावी मुकाबला ज्यादा चर्चित रहा। यहां कांग्रेस के तंजील हुसैन भाजपा के डिप्लू रंजन शर्मा के खिलाफ मैदान में हैं। तंजील, धुबरी के सांसद रकीबुल हुसैन के बेटे हैं। बेहाली क्षेत्र में भी राजनीति की दिशा बदलने के संकेत दिखे, जहां भाजपा के पूर्व सदस्य जयंत बोरा अब कांग्रेस के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला भाजपा के दिगंता घाटोवाल से है। इसके साथ ही सीपीआई (एमएल) लिबरेशन के लखीकांत कुर्मी और आप के अनंत गोगोई भी मैदान में हैं। बोंगाईगांव सीट एजीपी के प्रभाव वाला क्षेत्र रहा है। यहां सांसद फणी भूषण चौधरी की पत्नी दीप्तिमयी चौधरी एजीपी के लंबे प्रतिनिधित्व को बनाए रखने का प्रयास कर रही हैं। उनका मुकाबला कांग्रेस के ब्रजेंजीत सिंघा से है।
बराक घाटी में स्थित धोलाई विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के निहार रंजन दास और कांग्रेस के ध्रुबज्योति पुरकायस्थ के बीच सीधी टक्कर देखी गई। बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र के सिडली में कांग्रेस ने बीस साल बाद अपना उम्मीदवार उतारा है। यहां कांग्रेस के संजीब वारी का मुकाबला यूपीपीएल के निर्मल कुमार ब्रह्मा और बीपीएफ के सुद्धो कुमार बसुमतारी से है। वर्तमान में असम की 126 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के पास 61 सीटें हैं, जबकि एजीपी के आठ और यूपीपीएल के छह सीटें हैं। वहीं, विपक्ष का नेतृत्व कांग्रेस 26 सीटों के साथ कर रही है, जिसमें एआईयूडीएफ की 15, बीपीएफ की तीन और वाम दल का भी एक प्रतिनिधित्व है। फिलहाल उम्मीदवारों के किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है। नतीजे आगामी 23 को आएँगे। किसकी जीत और किसे पराजय का सामना करना पड़ेगा इसको लेकर अटकले भी तेज हो गई है। एजेंसी