मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह
मणिपुर में जारी जातीय हिंसा पर मिजोरम में आवाज उठाने लगा है। मिजोरम की मुख्य विपक्षी पार्टी मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) ने मणिपुर में जारी जातीय हिंसा को रोकने में कथित रूप से विफल रहने के लिए मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे की मांग की है। एमएनएफ महासचिव वीएल क्रोसेहनेहज़ोवा ने गुरुवार को कहा कि केंद्र को इस संकट को समाप्त करने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए जिसमें पिछले साल मई से 250 से अधिक लोगों की जान चली गई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि बीरेन सिंह न केवल संकट को हल करने में विफल रहे हैं बल्कि निर्दोषों की रक्षा करने में भी असफल रहे हैं। इसलिए हम मांग करते हैं कि मुख्यमंत्री बीरेन सिंह तुरंत इस्तीफा दें। क्रोसेहनेज़ोवा ने कहा कि मणिपुर हिंसा को हमेशा के लिए समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार को तत्काल, निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए। एमएनएफ मीडिया सेल के महासचिव ने दावा किया कि बीरेन सिंह की निष्क्रियता और सत्ता के दुरुपयोग ने स्थिति को और खराब कर दिया है, जिससे सीएम कार्यालय में उनका बने रहना “अस्थिर और शर्मनाक” हो गया है।
एमएनएफ नेता के अनुसार, जातीय हिंसा में अब तक 219 ज़ो लोग मारे गए हैं और 41,425 लोग विस्थापित हुए हैं, जिन्हें पड़ोसी राज्यों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने दावा किया कि मणिपुर में हिंसा में बड़ी संख्या में चर्च और गांव नष्ट हो गये हैं। एमएनएफ नेता ने सभी जातीय ज़ो जनजातियों से एकजुट होने और समुदाय के सदस्यों के जीवन और आजीविका की रक्षा करने का भी आह्वान किया। उन्होंने मिजोरम सरकार और राज्य के लोगों दोनों से आग्रह किया कि वे मणिपुर के विस्थापित लोगों और म्यांमार और बांग्लादेश के शरणार्थियों को समर्थन और मानवीय सहायता प्रदान करने के अपने प्रयास जारी रखें। एमएनएफ नेता ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र जाने वाले देश में मानवाधिकारों का निरंतर क्षरण और धार्मिक जगहों पर हमले न्याय और धर्मनिरपेक्षता के मूलभूत मूल्यों को धोखा देते हैं। इनपुट – भाषा।