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- मंत्री कौशिक राय बराक घाटी विकास विभाग समेत सार्वजनिक वितरण, खाद्य और उपभोक्ता मामले और खान और खनिज विभाग संभालेंगे।
- मंत्री कृष्णेंदु पॉल को मत्स्य पालन विभाग, पशुपालन और पशु चिकित्सा विभाग किए गए आवंटित, वह लोक निर्माण सड़क विभाग में भी मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा की करेंगे सहायता।
असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा हमेशा कुछ चौकाने वाले कदम उठाते रहते हैं। अपने मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब मंत्रियों के विभागों में बड़ा फेरबदल किया है। शनिवार को मंत्रिमंडल में शामिल चार नए मंत्रियों को उन्हें नए विभाग भी सौंपे। मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा खुद गृह, लोक निर्माण सड़क और चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान विभाग और लोक निर्माण भवन और राष्ट्रीय राजमार्ग संभालेंगे, जबकि कुछ विभाग अन्य मंत्रियों को सौंपे गए हैं।
एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है कि डॉ. शर्मा के पास कार्मिक और किसी अन्य विभाग की भी जिम्मेदारी होगी, जो विभाग अन्य मंत्रियों को नहीं सौंपा गया है। नए मंत्रियों में कौशिक राय सार्वजनिक वितरण, खाद्य और उपभोक्ता मामले, नवगठित बराक घाटी विकास विभाग और खान और खनिज संभालेंगे। वहीं, प्रशांत फुकन को रोजगार और उद्यमिता विभाग के साथ बिजली और कौशल विभाग आवंटित किए गए हैं और वे चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान विभाग में मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा की मदद करेंगे।
कृष्णेंदु पॉल को मत्स्य पालन विभाग, पशुपालन और पशु चिकित्सा विभाग आवंटित किए गए हैं। वह पीडब्ल्यूडी (पीएमजीएसवाई), लोक निर्माण सड़क विभाग में भी मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा की सहायता करेंगे। मुख्य सचिव रवि कोटा सोमवार को अधिसूचना जारी की। इसके अनुसार रूपेश ग्वाला को आदिवासी कल्याण विभाग, श्रम कल्याण और चाय जनजाति विभाग दिए गए हैं, इसके अलावा वे गृह विभाग में डॉ. शर्मा सरकार की मदद करेंगे। भाजपा की सहयोगी एजीपी के अध्यक्ष अतुल बोरा को पशुपालन और पशु चिकित्सा विभाग की जगह आबकारी विभाग का प्रभार दिया गया।
एजीपी के अन्य मंत्री केशव महंत को राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी और विज्ञान, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन विभाग का भी प्रभार दिया गया है। अधिसूचना में कहा गया है कि यूपीपीएल के विधायक उरखाओ ग्वारा ब्रह्मा हथकरघा, कपड़ा और रेशम उत्पादन, मृदा संरक्षण और बोडोलैंड कल्याण विभाग संभालते रहेंगे। उनके विभागों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। डॉ. शर्मा के करीबी सहयोगी पीयूष हजारिका को संसदीय मामलों का विभाग हटा दिया गया है। वह सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, जल संसाधन और सूचना, जनसंपर्क, मुद्रण एवं लेखन सामग्री संभालेंगे।
मंत्री जयंत मल्ल बरुआ से कौशल, रोजगार एवं उद्यमिता तथा पर्यटन छीन लिए गए, लेकिन उन्हें आवास एवं शहरी मामलों का विभाग दिया गया। हालांकि लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग उनके पास ही रहेंगे। असम भाजपा के पूर्व प्रमुख रंजीत कुमार कुमार दास को न्यायिक विभाग के साथ पर्यटन विभाग आवंटित किया गया। उनसे खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति तथा उपभोक्ता मामलों का विभाग वापस ले लिया गया है। हालांकि पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा सामान्य प्रशासन विभाग उनके पास ही रहेगा।
वरिष्ठ मंत्री चंद्र मोहन पटवारी को संसदीय मामले की नई जिम्मेदारी दी गई है। ईस्ट पॉलिसी अफेयर्स तथा पर्यावरण एवं वन विभाग उनके पास ही रहेगा, लेकिन अल्पसंख्यक कल्याण विभाग अब उनके पास नहीं रहेगा। अशोक सिंघल को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग दिया गया है। सिंचाई विभाग उनके पास रहेगा, लेकिन आवास एवं शहरी मामलों का विभाग उनसे वापस ले लिया गया है। उल्लेखनीय है वर्ष 2026 में राज्य विधानसभा चुनाव है, ऐसे में मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा बहुत कुछ सोच विचार ही पहले विस्तार और उसके बाद मंत्रियों के विभागों में फेरबदल किया होगा। पंचायत चुनाव जल्द होने के आसार है, लिहाज़ा प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपानीत एनडीए गठबंधन सरकार की विपक्ष पर हावी रहने की कोशिश रहेगी।
बराक घाटी को अधिक महत्व दिया गया है। विकास के एक विभाग ही दे दिया गया, जिसकी जिम्मेदारी मंत्री कौशिक राय संभालेंगे। मंत्री राय के पास एक सुनहरा अवसर भी मिला वे किस प्रकार यहां बराक घाटी में विकास गति में और तेजी ला सकते है। स्थानीय ज्वलंत समस्याओं के निदान और ढांचागत बुनियादी विकास पर उनके विजन क्या होगा यह देखने योग्य होगा। मंत्री कृष्णेंदु पाल के पास भी कई प्रमुख विभाग मिले वे कितना कारगर मंत्री साबित होते उल्लेखनीय होगा। फिलहाल दोनों मंत्री ही मंत्री युवा है, और काम करने की दक्षता और क्षमता भी है।
योगेश दुबे / एजेंसी