हिंदी को सरल बनाने की आवश्यकता एवं महत्व पर दिया गया जोर
क्षेत्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, सिलचर में हिंदी को सरल बनाने की आवश्यकता एवं महत्व पर केंद्रित एक वर्चुअल हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस वर्चुअल कार्यशाला का समापन समारोह बड़े उत्साह और गरिमा के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य हिंदी भाषा के महत्व को रेखांकित करना और सरकारी कामकाज में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देना था। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जवाहर नवोदय विद्यालय, पैलापुल कछार के हिंदी शिक्षक एवं भाषा विशेषज्ञ विकास कुमार उपाध्याय उपस्थित रहे।
उन्होंने हिंदी भाषा की वर्तमान स्थिति, उसकी चुनौतियों और संभावनाओं पर अपने विचार प्रस्तुत किए। विशिष्ट अतिथि के रूप में संस्थान के प्रमुख डॉ. मोहम्मद अख्तर हुसैन जमाली ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। समारोह की शुरुआत संस्थान के निदेशक डॉ. जमाली के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने हिंदी की उपयोगिता को रेखांकित करते हुए कहा कि यह केवल एक भाषा नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। उन्होंने हिंदी के प्रचार-प्रसार को सामाजिक और प्रशासनिक आवश्यकता बताते हुए इसके व्यापक उपयोग की वकालत की।
मुख्य वक्ता विकास कुमार उपाध्याय ने अपने संबोधन में हिंदी भाषा को सरल, वैज्ञानिक और बहुआयामी बताया। उन्होंने कहा, “हिंदी हमारी सांस्कृतिक पहचान है और संवाद का सशक्त माध्यम है। इसका प्रसार तेजी से हो रहा है और इसके प्रति नई पीढ़ी को जागरूक करना हमारी जिम्मेदारी है।” उन्होंने सरकारी और गैर-सरकारी प्रयासों की सराहना की और हिंदी भाषा के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर बल दिया। इस कार्यक्रम में अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सभी ने हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में स्थापित करने और इसे दैनिक जीवन में अधिकतम उपयोग में लाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
वक्ताओं ने यह भी कहा कि भाषा का विकास तभी संभव है जब इसे प्राथमिकता के साथ अपनाया जाए। कार्यक्रम के दौरान संस्थान के वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों ने हिंदी भाषा के प्रति अपना समर्पण व्यक्त किया। राजभाषा अधिकारी डॉ. अब्दुल्लाह ने वर्चुअल कार्यक्रम के सफल संयोजन के लिए सराहना प्राप्त की। उन्होंने हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के प्रति सभी की प्रतिबद्धता की प्रशंसा की और ऐसे आयोजनों को निरंतर जारी रखने की बात कही। समारोह के अंत में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए डॉ. जमाली ने वर्चुअल हिंदी कार्यशाला को सफल बनाने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने भविष्य में भी ऐसे आयोजनों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गीत “जन गण मन” के सामूहिक गायन और हिंदी के प्रति संकल्प के साथ हुआ। इस अवसर पर संस्थान के अन्य अधिकारी, जैसे डॉ. नजीम हुसैन, डॉ. आमिर मुहम्मद, डॉ. उज्जमा सिद्दीकी, अजय शील, अमित, हज्जाम, प्याली दास, देविका ग्वाला और श्रीमती जय शाह चौधरी ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।