केएचएडीसी में कांग्रेस का नहीं खुला खाता, जेएचएडीसी में मिली तीन सीटें
मेघालय में परिषदीय चुनाव के आए परिणामों में सत्तारूढ़ दल नेशनल पीपल्स पार्टी ( एनपीपी ) का बड़ा झटका लगा है। भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चला रही विपक्षी वॉयस ऑफ द पीपल्स पार्टी (वीपीपी) ने खासी हिल्स स्वायत्त जिला परिषद (केएचएडीसी) में एनपीपी को सत्ता से बेदखल कर दिया। जबकि अन्य क्षेत्रीय दलों का सिक्का नहीं चला। वहीं भाजपा की जमानत जब्त हो गई। एक भी सीट नहीं जीत पाई। विपक्षी वीपीपी ने जयंतिया हिल्स स्वायत्त जिला परिषद (जेएचएडीसी) में दूसरी सबसे अधिक सीटें भी हासिल कीं।
केएचएडीसी और जेएचएडीसी चुनाव के लिए 21 फ़रवरी को मतदान हुए थे। आज नतीजे जब सामने आए थे, तो सत्तारूढ़ एनपीपी के लिए निराशाजनक रहा। विधायक, नेता अर्देंट बसियावमोइट के नेतृत्व में, वीपीपी ने केएचएडीसी में 29 में से 17 एमडीसी सीटें हासिल कीं। एनपीपी को केवल चार सीटें मिलीं, यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी ( यूडीपी ) को पांच और हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी को एक सीट मिली। दो निर्दलीय भी चुने गए। केएचएडीसी में वीपीपी ने बहुमत हासिल की है।
वहीं दूसरी तरफ जेएचएडीसी में वीपीपी ने 29 सीटों में से आठ सीटें जीतीं, जो एनपीपी के बाद परिषद में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई। एनपीपी ने यहां 13 सीटें हासिल कर बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। भले ही एनपीपी चुनावों में पूर्ण बहुमत हासिल करने में विफल रही हो, लेकिन अन्य समान विचारधारा वाले दलों के एमडीसी के समर्थन से जेएचएडीसी में अगली कार्यकारी समिति बनाने की सबसे अधिक संभावना है।
फ़िलहाल यूडीपी और कांग्रेस तीन-तीन सीटें जीतने में सफल रहीं, जबकि दो निर्दलीय भी विजयी हुए। सत्तारूढ़ एनपीपी की सहयोगी भाजपा केएचएडीसी में 17 और जेएचएडीसी में 14 सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद एक भी सीट नहीं जीत पाई। कांग्रेस केएचएडीसी में एक भी सीट नहीं जीत पाई, यह पहला मौका है जब राष्ट्रीय पार्टी ने आदिवासी परिषद में एक भी सीट नहीं जीती। जेएचएडीसी के 3 लाख से अधिक मतदाताओं में से 70 प्रतिशत से अधिक ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जबकि 9.9 लाख पात्र मतदाताओं में से लगभग 60 प्रतिशत ने केएचएडीसी चुनावों में भाग लिया, जिसमें 12 महिलाओं सहित कुल 272 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा।
योगेश दुबे