इस घाटी में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में सुधार के लिए बहुत आवश्यक है एक नया रेलमार्ग
सिलचर-लामडिंग ब्रॉड गेज कार्यान्वयन आंदोलन समिति ने पहले ही रेल मंत्री को एक ज्ञापन भेजकर चंद्रनाथपुर-लंका द्वितीय रेलवे लाइन का निर्माण तत्काल शुरू करने की मांग की है। बराक घाटी के सांसदों को ज्ञापन की प्रतिलिपि सौंपने के एजेंडे के तहत एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को राज्यसभा सदस्य सुष्मिता देव से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा। समिति के सदस्यों ने राज्यसभा सांसद देव के समक्ष द्वितीय रेलवे लाइन के निर्माण बराक घाटी के लिए कितना आवश्यक है इसपर प्रकाश डाला।
सांसद सुष्मिता देव ने चंद्रनाथपुर-लंका द्वितीय रेलवे लाइन के निर्माण की मांग संसद में उठाने का वादा किया। रेलवे विभाग ने चंद्रनाथपुर-लंका रेल लाइन के निर्माण को लेकर अध्ययन शुरू कर दिया है, हालांकि इस अध्ययन की रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है। समिति के सदस्यों ने कहा कि यदि यह लाइन बन जाती है तो दूरी लगभग 34 किलोमीटर कम हो जाएगी तथा भूस्खलन संभावित पहाड़ियों से काफी हद तक बचा जा सकेगा।
उन्नत सार्वजनिक संचार व्यवस्था के हित में सिलचर-बदरपुर, चंद्रनाथपुर-लंका होते हुए गुवाहाटी तक पहुंचने के लिए युद्ध स्तर पर द्वितीय रेल परियोजना को क्रियान्वित करना बहुत जरूरी है। बरसात के मौसम में भूस्खलन से रेल यातायात बाधित होता है, जिससे यात्रियों को असुविधा होती है। ट्रेनों की संख्या में वृद्धि से मौजूदा पहाड़ लाइन पर दबाव लगातार बढ़ रहा है। भविष्य में यह दबाव और बढ़ेगा।
इसलिए, इस घाटी में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में सुधार के लिए एक नया रेलमार्ग बहुत आवश्यक है। यह रेलमार्ग बराक घाटी समेत तीन राज्यों की जीवन रेखा है। आंदोलन समिति के संयोजकों में से एक प्रोफेसर अजय रॉय ने इस रेलवे के शीघ्र कार्यान्वयन के लिए आंदोलन शुरू करने का आह्वान किया। सांसद सुष्मिता देव से मुलाकात के दौरान प्रतिनिधिमंडल में प्रोफेसर अजय रॉय, मलय भट्टाचार्य, प्रबीर रॉय चौधरी, दीपांकर चंदा, सुब्रत नाथ, नकुल रंजन पाल, बिजित कुमार सिन्हा सहित अन्य लोग मौजूद थे।
पूर्वोत्तर हलचल ब्यूरो