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असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने बताया कि उनकी सरकार ने NEET परीक्षा में गड़बड़ी रोकने के लिए केंद्र सरकार से एक अहम कदम उठाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि सभी उम्मीदवारों की बायोमेट्रिक जांच परीक्षा हॉल में प्रवेश से पहले की जानी चाहिए, ताकि अनुचित तरीकों को रोका जा सके।
मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा ने सोशल मीडिया मंच X पर बताया कि उन्होंने असम सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के महानिदेशक और उनकी टीम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की। यह बैठक असम पुलिस की एक गुप्त जांच के बाद की गई, जिसमें संदेह जताया गया कि राज्य के कुछ प्राइवेट परीक्षा केंद्रों से NEET पास करने वाले छात्रों ने असामान्य रूप से अधिक अंक प्राप्त किए।
मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा ने कहा कि परीक्षा की पारदर्शिता और ईमानदारी बनाए रखने के लिए जरूरी है कि सभी केंद्रों पर आधार आधारित बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन अनिवार्य किया जाए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सभी परीक्षा केंद्र सरकारी या सरकार सहायता प्राप्त कॉलेजों में ही बनाए जाएं। परीक्षा सामग्री के आवागमन, वितरण और सुरक्षित भंडारण को लेकर भी सख्त सावधानियां बरती जाएं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सभी परीक्षा केंद्रों पर CCTV कैमरों से निगरानी, हर केंद्र पर जांच की स्पष्ट प्रक्रिया (SOP), जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक का व्यक्तिगत निरीक्षण और परीक्षा केंद्रों की स्वच्छता सुनिश्चित की जाए। इसके साथ ही, असम सरकार ने सुझाव दिया कि वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को परीक्षा की तैयारी, निगरानी और संचालन की जिम्मेदारी सौंपी जाए।
मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और NTA के बीच निकट समन्वय की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया। मुख्यमंत्री सरमा ने साफ कहा कि परीक्षा में किसी भी तरह की गड़बड़ी को लेकर ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाई जानी चाहिए और यदि कोई व्यक्ति गैरकानूनी गतिविधि में शामिल पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने अंत में कहा, “हम हर परीक्षा को पूर्ण पारदर्शिता के साथ आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और चूंकि NEET एक बहुत ही महत्वपूर्ण परीक्षा है, इसलिए हम इसके निष्पक्ष और शांतिपूर्ण संचालन के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं।” अउ