Friday, April 25, 2025

सिलचर पुलिस ने चोरों के एक बड़े गिरोह का किया पर्दाफाश, एक महिला दो ज्वेलरी दुकान मालिक सहित 11 लोग गिरफ्तार

कीमती आभूषण, सीमेंट मिक्सर मशीन, पीतल बर्तन, हेलमेट, रिक्शा आदि की जब्ती 

एक बहुत बड़ी खबर सामने आई है। सिलचर पुलिस ने चोरों के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। चोरी की गई कीमती सामान एवं अन्य वस्तुओं को बरामद किया।

सिलचर पुलिस ने एक महिला दो ज्वेलरी दुकान मालिक सहित 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में कछार के अलावा होजाइ के भी है। पुलिस टीम ने अभियान के दौरान बरामद वस्तुओं में सोने के आभूषण, एक रिक्शा, एक सीमेंट मिक्सर मशीन, पीतल बर्तन, हेलमेट सह भारी मात्रा में अन्य सामानों की बरामदगी की है।

कछार पुलिस अधीक्षक नुमाल महत्ता ने बताया कि पहले दो अज्ञात लोगों को धरा गया, उनके निशानदेही तथा पुलिसिया जांच के दौरान अन्य पकड़े गए। सुबह सदर घाट पुल के नीचे उनकी गोपनीय बैठक चल रही थी, जब पुलिस ने उन्हें पकड़ा। पुलिस अधीक्षक ने अभियान से जुडी पूरी जानकारी मीडिया को साझा की। गिरफ्तार महिला रूबी दास (28) शहर के इटखोला आर्य पट्टी की निवासी है। आभूषण दुकानों के मालिक ओमकार माली (25) मूल रूप से महाराष्ट्र के सांगली इलाके के रहने वाले हैं। हालांकि, व्यापारिक सूत्रों के अनुसार यहां उनका पता एनएन दत्ता रोड है। दूसरे व्यक्ति का नाम दिव्येंदु रॉय (41) है, जो कनकपुर सेकेंड ब्लॉक के निवासी हैं।

बाकी मालुग्राम बीसी गुप्ता रोड के अब्दुल कलाम लस्कर (20) और संजय सिंह उर्फ नैना (34), चांदमारी रोड के सागर दास (20), रंगपुर कराती गांव के नारद दास (43), धोलाई हाथीखाल, बिहरा सिरोन बस्ती के कबीर हुसैन (28) हैं। वहीं कछार जिले से बाहर होजाई, सुभाषनगर के राजू साहा (19) और सैफ अली (27) शामिल है। दो लोगों के नाम उजागर नहीं किए गए हैं। पुलिस अधीक्षक नुमाल महत्ता ने बताया कि पहले दो अज्ञात लोगों को गिरफ्तार किया गया। सूत्रों से अन्य लोगों के बारे में जानकारी मिलने के बाद गुरुवार सुबह शहर के सदरघाट पुल के नीचे से कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया।

वहां से कुछ सामान भी बरामद किया गया। वे पुल के नीचे बैठे आपस में सलाह – मशविरा कर रहे थे। उनके पकड़े जाने के बाद पता चला कि रूबी दास नाम की एक महिला और दो आभूषण मालिक इसमें शामिल है। उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गिरफ्तार सभी लोग एक ही गिरोह में शामिल हैं। गिरोह में प्रत्येक व्यक्ति की अलग-अलग भूमिका होती है। कुछ लोगों का काम सिर्फ चोरी करना है। यदि वे अन्य सामान चुराते हैं, तो वे किसी ड्रग्स डीलर को सौंप देते हैं। यदि वह सोने का आभूषण है, तो वे उसे दो आभूषण मालिकों को सौंप देते हैं। आभूषण मालिक सोने के आभूषण ले लेते हैं और बदले में पैसे देते हैं। ड्रग डीलर ड्रग्स की आपूर्ति करते हैं।

पकड़े गए लोगों में से कुछ नशे के आदी हैं। वे मूलतः वे लोग हैं जो चोरी का माल लेकर ड्रग डीलरों के पास भाग जाते हैं। ड्रग डीलर के घर पर भी छापेमारी की गई, लेकिन कुछ मिला नहीं है। अब ये सब रूबी दास ने इटखोला इलाके में एक घर से सोने के आभूषण चुराए थे, जहां से उन्हें बरामद कर लिया गया। फिर उन्होंने इसे दो आभूषण मालिकों को बेच दिया। एक अन्य पुलिस सूत्र ने बताया कि गिरफ्तार लोगों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, चोरी के बाद उन्होंने सदरघाट पुल के नीचे एक गुप्त ठिकाने में विभिन्न सामान छिपा देते थे।

अवसर का लाभ उठाकर, वे उन्हें वहां से निकाल लेते और शुटकीपट्टी से सटे इलाके में ड्रग डीलरों या किसी और को बेच देते थे। तड़के ही वे सदरघाट पुल के नीचे इकट्ठा हो रहे थे और आपस सलाह-मशविरा कर रहे थे कि उन्हें ड्रग डीलरों के पास ले जाया जाए। बताया जा रहा है कि इस पुलिस अभियान का नेतृत्व सदर पुलिस स्टेशन की टीएसआई सुभ्रा ज्योति दत्ता और मालुग्राम आउट पोस्ट में ड्यूटी पर तैनात अधिकारी लक्ष्य ज्योति गोगोई ने किया।

समाचार संकलन एवं संपादन –  योगेश दुबे

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