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बारिश का मौसम आते ही बराक घाटी के लोगों को विभिन्न कठिनाइयों से दो चार होना मज़बूरी बन जाता है। सबसे बड़ी समस्या बराक घाटी से गुवाहाटी तक जुड़ने की है। जर्जर एवं खस्ताहाल सड़कों की वजह हालात बद से बत्तर है। असम की बराक घाटी से सटे तीन पड़ोसी राज्यों, त्रिपुरा, मिजोरम और मणिपुर, के निवासियों को भी परेशानी होती है। सूखे मौसम में राजमार्ग के मरम्मतीकरण, सुधार में तेजी न लाने की वजह से बरसात के समय इसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ता है।
वाया मेघालय एचएच 6 पर राताचेरा – उमकियांग खंड का मरम्मतीकरण लंबे दिनों से चल रहा, कार्य अभी तक संपन्न नहीं हुआ है। ऊपर से भूस्खलन का खतरा बना रहता है। दो दिन पहले भी भूस्खलन की वजह से घंटों आवागमन बाधित रहा। बदरपुरघाट पर गैमन ब्रिज लंबे वक्त से खस्ताहाल अवस्था में है। अब इस ब्रिज के मरम्मतीकरण करने की घोषणा करते हुए दो महीने के लिए आवागमन (ब्रिज पर) पर रोक रहेगा। विकल्प मार्ग के रूप में सिलचर – कलाइन है। इस मार्ग की स्थिति कैसी है, किसी से छिपी हुई नहीं है।
आलम यह है कि कलाइन तक पहुंचते – पहुंचते वाहनों के हिचकोले खाकर यात्री एनर्जी खोने लगता है। बड़खोला वाया बिहारा कलाइन मार्ग है, लेकिन असममाला अंतर्गत बन रहे इस सड़क का काम ही पूर्ण नहीं हुआ है। छोटी गाड़ियां ही जब दलदल में फंस जाती है, तो ऐसे में बड़े वाहनों का चलना मुश्किल है। एक और विकल्प मार्ग, सिलचर हाफलोंग है। ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर के तहत चल रहा महासड़क का काम भी अभी तक पूर्ण नहीं हुआ है।
हरंगाजाओ के बाद यात्रा कठिन एवं जोखिम भरा है। रेल सेवा है। सिलचर हो या बदरपुर दोनों जगहों से रेल सेवा की उपलब्धता है। हालांकि मानसून के समय भूस्खलन का खतरा बना रहता है। फिलहाल गैमन ब्रिज पर मरम्मतीकरण का काम शुरू होने से यात्री अन्य वैकल्पिक मार्गों पर रुख किया है। इस बीच हाफलोंग-सिलचर राष्ट्रीय राजमार्ग पर ट्रैफिक जाम की समस्या बढ़ गई है।
यात्रियों की परेशानी चरम पर कई दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग 54 के हाफलोंग-हरंगाजाओ खंड, विशेषकर हाफलोंग-सिलचर की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है। इससे यात्रियों को अत्यधिक परेशानी हो रही है। सड़क के इस हिस्से पर तालाब जैसे गड्ढे बन जाने के कारण यातायात जाम एक दैनिक समस्या बन गई है। सड़क के दोनों ओर यात्री गाड़ियां, माल गाड़ियां और बड़े ट्रक कतार में खड़े हैं। ये कारें घंटों तक सड़क के दोनों ओर फंसी रहती हैं।
मरम्मत के लिए बदरपुर घाट पर गैमन ब्रिज बंद होने के परिणामस्वरूप हाफलोंग-सिलचर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात का दबाव बढ़ रहा है। जैसे ही रात हुई, सैकड़ों कारें सड़क पर चलने लगीं। कई गाड़ियां जर्जर सड़क के किनारे फंसी हुई हैं। यात्रियों के लिए करने को कुछ नहीं है। सिवाय परेशानी झेलने के कुछ बचा नहीं है। लोग सदियों से कष्ट झेल रहे हैं, जिसे सहज रूप से समझा नहीं जा सकता। फिर भी प्रशासन व विभागीय अधिकारी नहीं जाग रहे हैं। मालूम हो कि निजी ट्रांसपोर्ट कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ रहा। सिलचर तक सामान पहुंचने में खर्च बढ़ गया है।
Yogesh Dubey